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Lucknow News: फर्जी फेसबुक ID बनाकर लोगों को क्रेडिट कार्ड बनाने का देते थे ऑफर, यूपी STF की टीम ने 2 साइबर ठगों को किया गिरफ्तार
Lucknow News: यूपी के गाजियाबाद जिले से यूपी STF की टीम ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उस पर लाइफ टाइम क्रेडिट कार्ड बनाने का ऑफर देकर ठगी करने वाले नागेश राघव और पंकज नाम के 2 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
UP STF arrested 2 cyber criminals who cheated people by creating fake Facebook ID and offering them lifetime credit cards
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे साइबर ठगी से जुड़े मामलों के बीच यूपी पुलिस के साथ साथ यूपी STF की टीम भी एक्टिव होती हुई नजर आ रही है। तेजी से ऐसे साइबर ठगों की धड़पकड़ में जुटी यूपी STF की टीम को शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। यूपी के गाजियाबाद जिले से यूपी STF की टीम ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उस पर लाइफ टाइम क्रेडिट कार्ड बनाने का ऑफर देकर ठगी करने वाले नागेश राघव और पंकज नाम के 2 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद के खोड़ा इलाके से हुई गिरफ्तारी
यूपी STF की टीम ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते लंबे समय से लाइफ टाइम क्रेडिट कार्ड बनाने का ऑफर देकर ठगी करने की शिकायतें सामने आ रही थीं। इन शिकायतों को लेकर टीमें लगातार एक्टिव थीं। इसी बीच यूपी एसटीएफ की गाजियाबाद यूनिट को सूचना मिली कि साईबर ठगी व लैपटाप और मोबाइल से लोगों को बेवकूफ बनाने वाले गैंग के 2 सदस्य कालू सीमेन्ट एजेन्सी चौराहा वंदना बिहार थाना खोड़ा के पास टहल रहे हैं। सूचना मिलते ही यूपी एसटीएफ की टीम एक्टिव हुई और मौके पर जाकर दोनों शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्तों के कब्जे से लैपटाप, मोबाइल, फर्जी सिम कार्ड डेविड/केडिट कार्ड बरामद किया गया है।
फेसबुक पर फेक ID बनाकर लाइफ टाइम क्रेडिट कार्ड का देते थे लालच
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि वे लोग फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर उस पर लाइफ टाइम फी रुपे कार्ड्स के नाम से एडवरटाइज डालते हैं, जिस पर कार्ड बनवाने के इच्छुक व्यक्ति अपना व शहर का नाम, मोबाइल नम्बर व आईडी भेजते है। उन्होंने बताया कि ऐप से हम लोग मोबाइल नम्बर निकाल कर रजिस्टर पर अंकित कर लेते है व बारी-बारी से अपने फर्जी सिम नम्बरों से काल करते है। कार्ड बनवांर के इच्छुक व्यक्ति से केडिट कार्ड के सम्बन्ध में बातचीत करते है तथा इससे पूर्व इनके पास मौजूद केडिट कार्ड के बारे में पूरी जानकारी भी निकाल लेते हैं। और इसी प्रकार वे ठगी की पूरी घटना को अंजाम देते हैं।