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UP Assembly: ‘मूल बजट में की गई पूरे प्रदेश की संभावना की अनदेखी’, नेता प्रतिपक्ष ने अनुपूरक बजट पर उठाए सवाल

UP Vidhansabha Monsoon Session: माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में सरकार को अनुपूरक बजट लाने का अधिकार है। अभी सरकार ने मूल बजट पेश किया, आप (सीएम योगी) मूल बजट खर्च भी नहीं कर पाए और जिन विषयों पर अनुपूरकर बजट आया है।

Viren Singh
Published on: 1 Aug 2024 2:44 PM IST (Updated on: 1 Aug 2024 2:53 PM IST)
UP Vidhansabha Monsoon Session
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UP Vidhansabha Monsoon Session (सोशल मीडिया) 

UP Vidhansabha Monsoon Session: यूपी विधानसभा के मानसूत्र का आज चौथा दिन है। विधानमंडल और विधानपरिषद पर दोनों सदनों पर योगी सरकार द्वारा लगाए अनुपूरक बजट पर चर्चा हो रही है। कार्यवाही के दौरान विधानसभा में सदस्यों के बीच विभिन्न मुद्दों पर काफी हंगामा देखने को मिली रहा है। गुरुवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए विधानसभा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इस बजट के माध्यम से योगी सरकार पर बड़ा कटाक्ष किया और लाए गए अनुपूरक बजट 2024-25 को गैर जरूरी करार दिया। योगी सरकार के अनुपूरकर बजट पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार अभी अपना इस साल के बजट की पूर्ण मद खर्च नहीं कर पाई है, अनुपूरक बजट पेश कर दिया है, जो कि एक परपटी बना गया है।

मूल बजट खर्च नहीं कर पाए और...

माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में सरकार को अनुपूरक बजट लाने का अधिकार है। अभी सरकार ने मूल बजट पेश किया, आप (सीएम योगी) मूल बजट खर्च भी नहीं कर पाए और जिन विषयों पर अनुपूरकर बजट आया है, उसमें भी मूल बजट में बड़ी राशि पड़ी हुई है, लेकिन बजट तैयार करते समय वित्त मंत्री पूरे प्रदेश की संभावना को विचार नहीं किया। जब बजट तैयार हो रहा था, तब सरकार ने अनुपूकर मदों पर विचार नहीं किया और इनकी उपेक्षा की। छह महीने के अंदर सरकार को विचार आ गया है, उसको ये ये काम करने हैं। ऐसे में सप्लीमेंट्री बजट लाना वित्तीय अनियमितता भी होती है। सप्लीमेंट्री बजट में राजस्व लेख और पूंजीलेख की मदों की मांग की गई। उन्होंने कहा कि पूंजीलेख का बजट अच्छा माना जाता है, क्योंकि पूंजी निर्मित होती है और आय होती है, लेकिन राजस्व लेख से कोई लाभ नहीं होता है।

योगी सरकार की वित्तीय अनियमितता

उन्होंने कहा कि सरकार के पास बजट में पैसा पहले से मौजूद है, लेकिन पूर्ण बजट तैयार करते समय आपके इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए अनुपूरक बजट सरकार को पेश करना पड़ा है। यह योगी सरकार की वित्तीय अनियमितता है। सरकार में एक परिपाटी बन गई है, जहां मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के मंत्री जाते हैं, वहां पर नई घोषणा कर दे रहे हैं। उनको घोषणा को पूरा करने के लि फंड की जरूरत होती है, जोकि बजट में होता नहीं, इसलिए सरकार को अनुपूरक बजट की बराबर जरूरत पड़ती है।

विज्ञापन मद पर नेता प्रतिपक्ष ने पूछे सवाल

अनुपूरक बजट में विज्ञापन मद लॉट पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने 6 अरब यानी 600 करोड़ रुपये विज्ञापन प्रचार के लिए मांगा है। मैं सदन के माध्मय से सरकार से पूछना चाहता हूं कि आखिर वह 600 रुपये में किस चीज का प्रचार करेंगे। आपने अपनी योजनाओं का प्रचार ग्राम प्रधान लेकर प्रदेश के सचिव तक से करावा रहे हैं, फिर 600 करोड़ रुपये प्रचार में कहां खर्च होंगे।

अपनी बातों के प्रचार के लिए 600 करोड़

उन्होंने पूछा कि क्या यह पैसा अखबार के लिए है, क्या आपकी कार्य योजना के प्रचार के लिए है? यह पर अच्छी योजना जो बनाएंगे उसके प्रचार के लिए है? इसके बारे में पूरा विवरण मिला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार यह पैसा अखबारों के विज्ञापन में खर्च करेगी और बाद में अखबर वालों पर दबाव डालेंगे, ताकि वह केवल आपकी ही बात सुने और हमारी नहीं। इसलिए अपनी बातों के प्रचार के लिए सरकार ने अनुपूरक बजट में विज्ञापन के लिए 600 करोड़ रुपये रखा है। उन्होंने सरकार पूछा कि जब आप जवाब दें तो यह जरूर बताएं कि आपने पिछले बजट में कितना पैसा खर्च किया है और किन किन परियोजनाओं पर पैसों खर्च किया गया है।


Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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