मशहूर शायर मुनव्वर राना के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि

Poet Munawwar Rana Death: मशहूर शायर मुनव्वर राना का निधन हो गया है। देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई है।

Ruchi Jha
Written By Ruchi Jha
Published on: 15 Jan 2024 3:55 AM GMT (Updated on: 15 Jan 2024 6:17 AM GMT)
मशहूर शायर मुनव्वर राना के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि
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Poet Munawwar Rana Death: 'भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है' अपनी लिखी ये पंक्तियां हमें सुनाने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना अब हमारे बीच नहीं रहे। रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई उनकी तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब थी, जिस कारण वह कई दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे।

इन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे मुनव्वर राना

पिछले साल मुनव्वर राणा की तबीयत खराब होने पर लखनऊ के अपोलो अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। जिसके बाद से उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। उनकी बेटी सुमैया राना ने बताया कि रात साढ़े 11 बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली। 71 साल उम्र में उन्हें किडनी और दिल से जुड़ी बीमारियां थीं। बीते साल मुनव्वर राणा की दोनों किडनी खराब होने की खबर सामने आई थी। मुनव्वर राना की डायलिसिस चल रही थी। इसके अलावा वह फेफड़ों की गंभीर बीमारी सीओपीडी से भी परेशान थे। वहीं, जब उनकी तबीयत अचानक ज्यादा खराब होने लगी, तब उन्हें पीजीआई में एडमिट किया गया था। मुनव्वर राना को सीओपीडी के साथ हार्ट की भी दिक्कत थी, जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। सेहत में सुधार होने के बाद वेंटिलेटर से हटाया गया था। हालांकि, रविवार को उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई और देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

रायबरेली में होगा मुनव्वर राना का अंतिम संस्कार

मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था। मां पर लिखी गई मुनव्वर राना की शायरी काफी मशहूर है। मुनव्वर राना देश के जाने-माने शायरों में गिने जाते हैं। मुनव्वर राना को उर्दू साहित्य के लिए साल 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार और साल 2012 में शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है। मुनव्वर राना को कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था, जिसमें साहित्य अकादमी और माटी रतन सम्मान के अलावा कविता का कबीर सम्मान, अमीर खुसरो अवार्ड, गालिब अवार्ड आदि शामिल है। राणा उर्दू के अलावा हिंदी और अवधी भाषा में भी कविताएं लिखते थे। उन्होंने कई शैलियों में गजलें लिखी हैं। इसके अलावा उनकी कई किताबें भी प्रकाशित हैं।

मुनव्वर राना छोड़ गए अपने पीछे एक बड़ा परिवार

बता दें कि मुनव्वर राना के परिवार में उनकी पत्नी रैना राना, 4 बेटियां और 1 बेटा है। बेटी सुमैया राना सपा की नेता है। बेटी उरसू इमरान ने साल 2021 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। वहीं, उनका बेटा तरबेज अक्सर विवादों में रहा है।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

मुनव्वर राना की शायरी

मुनव्वर राना तो हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन वह अपने पीछे गजलों की ऐसी विरासत छोड़ गए है जो मुशायरों में हमेशा उन्हें जिंदा रखेगी। यही नहीं, जब-जब मां पर कोई कविता कही जाएगी तो मुनव्वर राना की शायरी जरूर याद आएगी। वह कहते थे-

उदास रहने को अच्छा नहीं बताता है, कोई भी जहर को मीठा नहीं बताता है

कल अपने आपको देखा था मां की आंखों में, ये आईना हमें बूढ़ा नहीं बताता है

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई

ऐ अंधेरे देख ले मुंह तेरा काला हो गया

मां ने आंखें खोल दीं घर में उजाला हो गया

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है


Ruchi Jha

Ruchi Jha

Senior Content Writer

पत्रकारिता क्षेत्र में मुझे लगभग 3 साल का अनुभव है, जिसमें मैंने बहुत कुछ सीखा है और अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है। शुरुआत से ही बॉलीवुड जगत से मुझे बहुत लगाव था। लिखने और कहानी गढ़ने का शौक शुरु से ही था, जिसकी चाह में मैंने हिंदी पत्रकारिता और जनसंचार/मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिप्लोमा हासिल किया। अब मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए 'NewsTrack' के साथ जुड़ी हुई हूं, यहां मैं मनोरंजन जगत से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में लिखती हूं।

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