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Lucknow University: शार्ट टर्म कोर्स के लिए विद्या परिषद की मंजूरी जरूरी नहीं, कुलपति को भेजना होगा अनुमोदन
Lucknow News: विश्वविद्यालय में ज्यादातर विदेशी छात्र थाईलैंड, श्रीलंका, मॉरीशस, भूटान, नेपाल, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान से हिन्दी, उर्दू, अरबी और अंग्रेजी में कोर्स करने के लिए आते हैं।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में अब विभागों को शार्ट टर्म कोर्स शुरू करने के लिए विद्या परिषद की मंजूरी आवश्यक नहीं होगी। इसके लिए विभागों को बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास कर कुलपति को अनुमोदन के लिए भेजना होगा। विदेशी छात्रों के बढ़ते रूझान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके लिए नोडल को भी नियुक्त किया गया है। जिससे विभागों में ज्यादा से ज्यादा शार्ट टर्म कोर्स शुरू किए जा सकें।
कोर्स करने आते हैं विदेशी छात्र
एलयू में विदेशी छात्रों का रूझान ज्यादातर शार्ट टर्म कोर्स को लेकर रहता है। इसके पीछे खास वजह उनके वीजा को लेकर रहती है। विश्वविद्यालय में ज्यादातर विदेशी छात्र थाईलैंड, श्रीलंका, मॉरीशस, भूटान, नेपाल, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान से हिन्दी, उर्दू, अरबी और अंग्रेजी में कोर्स करने के लिए आते हैं। जिनको ध्यान में रखकर लखनऊ विश्वविद्यालय ने शार्ट टर्म कोर्स किए हैं।
विद्या परिषद की मंजूरी जरूरी नहीं
प्रवक्ता प्रोफेसर दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि विभागों को शार्ट टर्म कोर्स शुरू करने के लिए पहले विद्या परिषद की मंजूरी का इंतजार करना पड़ता था। जिसके लिए आठ से 10 महीने का वक्त लग जाता था। लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान हो जाएगी। प्रवक्ता प्रो. श्रीवास्तव का कहना है कि अब विभागों को शार्ट टर्म कोर्स के लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज से ही पास करना होगा। जिसके बाद वह कुलपति को अनुमोदन के लिए भेज सकेंगे।
विवि की आय भी बढ़ेगी
शार्ट टर्म कोर्स में विदेशी छात्रों के दाखिला लेने से विश्वविद्यालय की आय में भी काफी इजाफा दर्ज होगा। क्योंकि विदेशी छात्रों से स्थानीय विद्यार्थियों से लगभग दोगुना शुल्क लिया जाता है।