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Lucknow News: निजीकरण के विरोध में अभियान जारी रखेगी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति
Lucknow News : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने आरोप लगाया है कि निजीकरण के लिए पावर कॉरपोरेशन के निदेशक वित्त को अवैधानिक ढंग से सेवा विस्तार दिया जा रहा है।
Vidyut Karmachari Joint Sangharsh Samiti will continue campaign against privatization (Photo: Social Media)
Lucknow News: संघर्ष समिति ने कहा है कि निदेशक वित्त को निजीकरण के लिए पहले ही नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा की अवैधानिक प्रक्रियाओं से निजीकरण करने की कोशिश का पुरजोर विरोध होगा तथा निजीकरण के विरोध में अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निदेशक वित्त निधि नारंग का वर्तमान कार्यकाल 17 फरवरी को समाप्त हो रहा है और पता चला है कि निधि नारंग को निजीकरण होने तक अवैधानिक ढंग से सेवा विस्तार दिया जा रहा है। समिति के मुताबिक इसके पूर्व 62 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद निधि नारंग को 17 फरवरी 2024 को सेवा विस्तार दिया जा चुका है। समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि निधि नारंग को दिए जा रहे सेवा विस्तार में यह लिखा जा रहा है कि उन्हें निजीकरण होने तक सेवा विस्तार दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि निजीकरण होने में कितना समय लगेगा यह कोई नहीं जानता तो उन्हें क्या अनिश्चित काल तक सेवा विस्तार दिया जा रहा है?
संघर्ष समिति ने कहा कि निधि नारंग को जुलाई 2024 में निदेशक वाणिज्य का अतिरिक्त कार्यभार भी दे दिया गया है। उल्लेखनीय है कि निदेशक वाणिज्य के लिए न्यूनतम योग्यता इंजीनियरिंग में स्नातक होना है। समिति नके कहा है कि नारंग इंजीनियरिंग में स्नातक नहीं है। इस प्रकार यह दिया गया कार्यभार भी पूरी तरह अवैधानिक है। संघर्ष समिति ने कहा है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन निजीकरण करने के लिए इतना उतावला है कि इस हेतु हर प्रकार के अवैधानिक कार्य किये जा रहे हैं। समिति ने कहा कि निजीकरण की चल रही सभी अवैधानिक प्रक्रियाओं का पुरजोर विरोध किया जायेगा और प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कल जारी रहेंगे। किसी भी स्थिति में निजीकरण स्वीकार्य नहीं है।