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Lucknow News: 'आयुष्मान कार्ड' पर नहीं 20 हजार रुपये में मिलेगा ICU बेड, सरकार की योजनाओं को अंगूठा दिखा रहा विवेकानन्द अस्पताल
Lucknow News: विवेकानन्द अस्पताल में अस्पताल प्रशासन ने मरीजों से इलाज का पैसा ऐंठने के लिए या यूं कहें कि सरकारी सुविधाओं को दरकिनार कर पैसा लेकर इलाज कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
Ayushman Card is not accepted in Vivekananda Hospital of Lucknow for ICU bed
Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ साथ मरीजों को इलाज के दौरान हर संभव मदद दिलाने के प्रयास में जुटी नही है। बावजूद इसके प्रदेश के कई सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में अस्पताल प्रशासन सरकार की योजनाओं को अंगूठा दिखाते नजर आ रहा है। ताजा मामला लखनऊ के विवेकानन्द अस्पताल का है। जहां अस्पताल प्रशासन ने मरीजों से इलाज का पैसा ऐंठने के लिए या यूं कहें कि सरकारी सुविधाओं को दरकिनार कर पैसा लेकर इलाज कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बताया जाता है कि अस्पताल प्रशासन ने आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज लाभ लेने के लिए गिनती के ICU बेड रखे गए हैं। इन बेड़ों के भर जाने पर अस्पताल प्रशासन अन्य बेड की उपलब्धता होने के बावजूद आयुष्मान कार्ड से लाभ देने के लिए मना कर दिया जाता है।
आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों के लिए सिर्फ 4 से 5 बेड उपलब्ध
दरअसल, इस बात का खुलासा तब हुआ, जब हरदोई से आया एक परिवार 84 साल के बुजुर्ग के लिए सोमवार को आयुष्मान कार्ड से इलाज उपलब्ध कराने की मांग करने लगा। हरदोई रद्देपुरवा रोड के रहने वाले प्रवीण दीक्षित बताते हैं कि वे अपने नाना राजकिशोर शर्मा (84) को लेकर विवेकानन्द अस्पताल पहुंचे थे, जहां इमरजेंसी में दिखाने के दौरान उन्हें ICU में भर्ती करने की बात कही गई। जब उन्होंने इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर से आयुष्मान कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने की मांग करी तो उन्होंने कहा कि हमारे अस्पताल में आयुष्मान कार्ड पर इलाज उपलब्ध कराने के लिए सिर्फ 4 से 5 बेड ही होते हैं तो कि भरे हैं।
ICU में भर्ती कराने के लिए प्रतिदिन देंगे होने 20 हजार रुपए
प्रवीण बताते हैं कि जब उन्होंने ICU के अन्य बेड़ों की उपलब्धता के बारे में पूछा तो इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर नित्यानंद ने कहा कि अस्पताल में ICU के और भी बेड हैं लेकिन उनके लिए 20 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज देना पड़ेगा, उन बेड़ों पर आयुष्मान कार्ड की योजना लागू नहीं होती। प्रवीण ने बताया कि इसके बाद वे अस्पताल प्रशासन से जुड़े अन्य उच्चाधिकारियों के पास भी पहुंचे लेकिन वहां भी उन्हें चार्ज वाले बेड लेने की सलाह दी गयी। उन्होंने बताया कि उनके 84 वर्षीय नाना काफी बीमार हैं, डॉक्टर ने कोमा बताकर लखनऊ में इलाज कराने की सलाह दी थी, जिसके बाद वे लखनऊ आये।