TRENDING TAGS :
UP Politics: जयंत चौधरी को NDA में लाने के पीछे क्या है BJP का प्लान? समझिए राजनीतिक समीकरण
UP Politics: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी की मजबूत पकड़ है। अभी तक जयंत चौधरी अखिलेश यादव के साथ चुनाव लड़ते आए हैं।
UP Politics: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। ये हलचल है इंडिया गठबंधन के टूटने की खबर से। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी की मजबूत पकड़ है। अभी तक जयंत चौधरी अखिलेश यादव के साथ चुनाव लड़ते आए हैं। इस बार इंडिया गठबंधन में भी आरएलडी शामिल है। मगर खबरें आ रही हैं कि जयंत चौधरी अब इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ कर एनडीएम में शामिल होने जा रहे हैं। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर खास असर देखा जा सकता है।
क्या है बीजेपी का प्लान?
बीजेपी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही कारण है कि भाजपा जयंत चौधरी को एनडीए में शामिल होने का न्योता दे रही है। इससे पहले अखिलेश यादव ने आरएलडी को सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने और इंडिया गठबंधन को मजबूत करने का काम सौंपा था। मगर अखिलेश यादव आरएलडी के चुनाव चिन्ह पर सपा के उम्मीदवार उतारना चाहते थे। ये बात जयंत चौधरी को मंजूर नहीं थी और वो सपा से नाखुश थे। इस मौके का फ़ायदा भाजपा उठाना चाहती है।
भाजपा अखिलेश यादव से एक कदम आगे निकलती नजर आ रही है। खबरों की मानें तो भाजपा राष्ट्रीय लोक दल को चार लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट देने को तैयार है। साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में भी राष्ट्रीय लोक दल को मंत्री पद दिया जा सकता है। अगर दोनों पार्टियों के बीच समीकरण बैठता है तो कैराना, मथुरा, बागपत और अमरोहा लोकसभा सीट आरएलडी के हिस्से जा सकती है। इससे भाजपा की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ख़ास तौर पर फ़ायदा होगा। साथ ही इंडिया गठबंधन की एक मजबूत पार्टी भी एनडीए में शामिल हो जाएगी।
प्रधानमंत्री कर सकते हैं चौधरी अजीत सिंह की प्रतिमा का अनावरण
आरएलडी को एनडीए में शामिल करने के लिए भाजपा हर संभव प्रयास कर रही है। जयंत चौधरी बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस बात की गंभीरता को समझते हुए प्रधानमंत्री छपरौली शिरकत कर सकते हैं। दरअसल, 12 फरवरी को चौधरी अजीत सिंह की प्रतिमा का अनावरण होना था। मगर अब इसे टाल दिया गया है। माना जा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद छपरौली पहुंच कर चौधरी अजीत सिंह की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
अगर ऐसा होता है तो बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ा राजनीतिक दांव खेल सकती है। साथ ही आरएलडी को एनडीए में शामिल भी करा सकती है। जयंत चौधरी का बीजेपी के साथ जाने की खबरों की चर्चा के साथ ही प्रतिमा के अनावरण को टालने की खबर भी आई है। जिसके पीछे प्रधानमंत्री के छपरौली आने को वजह बताई जा रही है। चार लोकसभा और एक राज्यसभा सीट के साथ कैबिनेट में पद मिलने के वादे के बाद आरएलडी का एनडीए में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अब तक जयंत चौधरी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तीन बार मुलाकात भी हो चुकी है।