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कौन हैं नसीम सोलंकी, जिसे सपा ने सीसामऊ से मैदान में उतारा
Sisamau byelection SP candidate: सीसामऊ सीट पर काफी लंबे अरसे से सोलंकी परिवार का ही कब्जा रहा है। इरफान सोलंकी के पिता हाजी मुष्ताक सोलंकी भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं।
Sisamau byelection SP candidate: उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। समाजवादी पार्टी ने बुधवार को दस में से छह सीटों के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। जिसमें कानपुर जनपद की सीसामऊ सीट भी शामिल है। सपा ने सीसामऊ से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है। अब सपा उम्मीदवार नसीम पर राजनीतिक विरासत को बचाये रखने की पूरी जिम्मेदारी है।
सीसामऊ सीट पर काफी लंबे अरसे से सोलंकी परिवार का ही कब्जा रहा है। इरफान सोलंकी के पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं। उनके बाद इरफान सोलंकी ने राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए इस सीट को अपने पाले में ही रखा। वह तीन बार सीसामऊ सीट से विधायक चुने जा चुके हैं। लेकिन जाजमऊ आगजनी मामले में इरफान सोलंकी को सात सजा की सजा हो गयी और उनकी विधायकी चली गयी। जिसके बाद सीसामऊ सीट रिक्त हो गयी। ऐसे में अब इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी पर विरासत को बनाये रखने का पूरा दारोमदार है।
बखूबी संभाली घर से राजनीति तक की जिम्मेदारी
नसीम सोलंकी कभी भी राजनीति में नहीं उतरीं और न ही उन्हें कभी किसी राजनीतिक कार्यक्रम में देखा गया। लेकिन सात नवंबर 2022 में जाजमऊ आगजनी के मामले में इरफान सोलंकी को जेल जाना पड़ गया। इसके बाद नसीम सोलंकी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन वह कमजोर होने के बजाय जिम्मेदारियों को तरजीह दी। उन्होंने घर, परिवार, बच्चों की देखभाल, कोर्ट कचहरी और महाराजगंज जेल तक बहादुरी से मोर्चा संभाला।
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में सोलंकी परिवार सबसे मशहूर राजनीतिक परिवार है। लेकिन इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी मामले में सात साल की सजा हो गयी और उनकी विधायकी चली गयी। इसके बाद ऐसा लगा कि सोलंकी परिवार का राजनीतिक रूतबा खत्म हो गया। लेकिन सीसामऊ सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने फिर सोलंकी परिवार पर ही विश्वास जताया और इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम को मैदान में उतारा है।
सीसामऊ क्षेत्र में 45 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं और यह वोटर पूरी तरह से सपा के साथ है। ऐसे में इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को इस सीट पर लाभ मिल सकता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी सीसामऊ सीट को सपा के कब्जे से निकालने की पूरी कोशिश कर रही है।