Lucknow News: जंक फूड से महिलाओं को गर्भधारण में समस्या, क्वीनमेरी अस्पताल के सर्वे में सामने आए ये तथ्य

Lucknow News: विभागाध्यक्ष डॉ. अंजू अग्रवाल का कहना है कि एक तिहाई महिलाओं का अंडाशय कमजोर मिलता है।

Abhishek Mishra
Published on: 4 Oct 2024 7:15 AM GMT
Lucknow News: जंक फूड से महिलाओं को गर्भधारण में समस्या, क्वीनमेरी अस्पताल के सर्वे में सामने आए ये तथ्य
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Lucknow News: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के महिला रोग अस्पताल (क्वीनमेरी) की ओपीडी में फर्टिलिटी पर किए गए सर्वे में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। सर्वे में पता चला है कि मोटापा और जंक फूड खाने के कारण महिलाओं की कोख समय से पहले कमजोर हो रही है। कार्यस्थल का तनाव भी मां बनने के रास्ते में बाधा बन रहा है।

सर्वे में सामने आई ये तथ्य

क्वीनमेरी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा किए सर्वे के मुताबिक अधिक वजन और लंबे समय तक जंक फूड खाने से अंडाशय (ओवरी) कमजोर हो जाता है। कुछ महिलाओं में यह भी देखा गया है कि आईवीएफ के इलाज में जो दवाएं दी जाती हैं, वे अंडाशय को नुकसान पहुंचा रही हैं। अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ. अंजू अग्रवाल का कहना है कि एक तिहाई महिलाओं का अंडाशय कमजोर मिलता है। 30 से 40 साल की महिलाओं का अंडाशय 50 से 55 वर्ष की महिलाओं की तरह कमजोर पाया जा रहा है।

बांझपन का जोखिम 16 फीसदी ज्यादा

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ एडेलेड के शोध के मुताबिक, सप्ताह में कम से कम चार बार फास्ट फूड खाने वाली महिलाओं में कभी कभार फास्ट फूड खाने वाली महिलाओं के मुकाबले बांझपन का जोखिम 16 फीसदी ज्यादा था। यह शोध 5,598 महिलाओं पर किया गया था।

समस्या से ऐसे करें बचाव

महिलाओं को इस समस्या से बचाव करने के लिए कई तरीके अपनाने की आवश्यकता है। महिलाओं को बांझपन से बचाव के लिए मोटापा काबू में रखते की जरूरत है। उन्हें पौष्टिक और पोषण वाली चीजें खानी चाहिए। फास्ट फूड व बाजार की चीजें नियमित खाने से बचाव करना चाहिए। महिलाओं को योग, कसरत आदि शारीरिक गतिविधियां आदत डालनी चाहिए।

कई महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति

जानकारी के मुताबिक इन दिनों 30 से 40 वर्ष की उम्र में ही कई महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति मिल रही है। अंडाशय में अंडे बनना रुकने से यह स्थिति उत्पन्न होती है और अंडाशय की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। आमतौर पर कैंसर या अन्य बीमारी होने पर प्री-मेनोपॉज पाया जाता है पर बिना किसी बीमारी के यह स्थिति महिलाओं के लिए चिंताजनक है। बाहर के खाने के नियमित सेवन से महिलाओं का अंडाशय कमजोर हो जाता है और बांझपन का खतरा बढ़ता है। नतीजतन दंपतियों को संतान प्राप्ति के लिए आईवीएफ सहित अन्य उपायों का सहारा लेना पड़ता है।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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