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BBA University: वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिए हुई कार्यशाला, विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताए तरीके
BBA University: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, इंडियन साइंस कम्यूनिकेशन सोसाइटी और बीबीएयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
BBA University: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, इंडियन साइंस कम्यूनिकेशन सोसाइटी और बीबीएयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के प्रमुख डॉ. वीपी शर्मा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे। 'पारंपरिक और लोक मीडिया कार्यक्रमों के माध्यम से वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए छात्रों, शिक्षकों और आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए जोखिम संचार' विषयक कार्यशाला हुई।
जल संबंधी विषयों पर हों जागरुक
मुख्य अतिथि डॉ. वीपी शर्मा ने कहा कि ने कहा कि आज के समय में जल में कई तरह की रासायनिक एवं अन्य अशुद्धियाँ पाई जाती है। जिससे जल पीने योग्य नहीं रह गया है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि सभी जल संबंधी स्थानीय विषयों पर जागरूक हो। तभी बड़ी से बड़ी समस्या का निदान संभव है। एसजीपीजीआई के रूधिर विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश कश्यप ने कहा कि आम जनता तक वेक्टर जनित रोगों की जानकारी पहुंचानी होगी। मीडिया एवं संचार के विभिन्न तरीकों का प्रयोग करके आम जनता को इन बीमारियों के लक्षण, रोकथाम एवं उपचार संबंधी विषयों पर जागरूक किया जा सकता है।
स्वस्थ शरीर हो इंसान की प्राथमिकता
विवि के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. युसुफ अख्तर ने कहा कि इंसान की प्राथमिकता स्वस्थ शरीर होनी चाहिए। अगर किसी देश के नागरिक स्वस्थ होंगे तभी ही वह देश प्रगति कर सकता है। इसके अतिरिक्त छोटी-छोटी बीमारियों के प्रति भी हम सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है। प्रो. गोविन्द पांडेय ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को अपने यहां ऐसे कार्यक्रम का आयोजन कराना चाहिए। जिससे विद्यार्थी और भी जागरूक हो सकें।
बीबीएयू की पीआरओ डॉ. रचना गंगवार ने बताया कि कार्यशाला में इंडियन साइंस कम्यूनिकेशन सोसाइटी के एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी डॉ. वीपी सिंह, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अनूप चतुर्वेदी, डॉ. अरविंद सिंह मौजूद रहे। इस मौके पर डॉ. उमेन्द्र सिंह, डॉ. महेंद्र कुमार पाढी, डॉ. रचना गंगवार, डॉ. कुंवर सुरेन्द्र बहादुर, डॉ. लोकनाथ सिंह समेत शोधार्थी और विभाग के अन्य विद्यार्थी रहे।