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Lucknow News: दुर्गम इलाकों में जल्दी और कम ऊर्जा खपत से सामान पहुंचाने वाले ड्रोन बनाएं
Lucknow News: कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि इस तकनीकी में भारत के पास पूरी दुनिया की अगुवाई करने का अवसर है। हालांकि चुनौतियां भी कम नहीं हैं। लेकिन हमें इससे पार पाते हुए लगातार प्रयास करना होगा।
Drone Workshop in AKTU: ड्रोन डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, सिमुलेटिंग आदि पर विस्तार से बताया। कहा कि मैदानी और पहाड़ी इलाकों में ड्रोन की क्षमता अलग-अलग होती है। सेना के लिए ऐसे ड्रोन की आवश्यकता है जिससे कम उर्जा खपत में अधिक सामानों की डिलेवरी दुर्गम इलाकों में हो सके। कहा कि ड्रोन की डिजाइन, वजन उठाने की क्षमता और रफ्तार काफी मायने रखता है। यह बातें एकेटीयू में बतौर विशेषज्ञ आईआईटी कानपुर के डॉ. अभिषेक ने कही। वह डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एंडवास स्टडीज की ओर से ड्रोन तकनीकी पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
तेजी से बढ़ती तकनीक ड्रोन
एकेटीयू कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि पहले ड्रोन के जरिए सिर्फ फोटोग्राफी की जाती थी। लेकिन अब कई तरह के एप्लीकेशन इस तकनीकी में आ गए हैं। यह सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य और कृषि से लेकर सामान पहुंचाने में मददगार साबित हो रही है। भारत की जरूरत और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इस तकनीकी में बहुत कुछ किया जा सकता है। ड्रोन तेजी से बढ़ती और उभरती तकनीकी है। इसका इस्तेमाल हर क्षेत्र में किया जा रहा है।
छात्रों के लिए नए प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगा एकेटीयू
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि इस तकनीकी में भारत के पास पूरी दुनिया की अगुवाई करने का अवसर है। हालांकि चुनौतियां भी कम नहीं हैं। लेकिन हमें इससे पार पाते हुए लगातार प्रयास करना होगा। सबसे जरूरी है शिक्षकों और छात्रों को नए सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी हो। कहा कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों और शिक्षकों के लिए नए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था करेगा। ताकि छात्र तैयार हो सकें।
जरूरत के मुताबिक बना सकेंगे तकनीक
सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रो. वीरेंद्र पाठक ने कहा कि हाल ही में बिजली विभाग ने बिजली चोरी रोकने में भी इसका इस्तेमाल किया था। यानि हम अपने जरूरत के अनुसार इस तकनीकी को बना सकते हैं। तकनीकी सत्र में एआरके इंफो सॉल्यूशन के डॉ. तुषार शर्मा, बलराम राव, रोहित सांगवान, अजय शेखर रेड्डी, शुभेंद्र मिश्रा, एन्सिस के अभिमन्यु सिंह ने ड्रोन तकनीकी के कई एप्लिकेशन की जानकारी दी। कार्यक्रम समन्वयक और डीन इनोवेशन डॉ. अनुज कुमार शर्मा रहे। संचालन अनुराग चौबे ने किया।