Year Ender 2023: योगी राज में दुरुस्त हुआ यूपी का स्वास्थ्य, 2023 में दर्ज कीं कई उपलब्धियां

Year Ender 2023: यूपी सरकार के प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं में कई उपलब्धियां दर्ज कर रहा है। प्रदेश को 2023 में स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

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Published on: 29 Dec 2023 12:12 PM GMT
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योगी राज में दुरुस्त हुआ यूपी का स्वास्थ्य (सोशल मीडिया)

Year Ender 2023: कभी बीमारू प्रदेश कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश आज योगी सरकार के प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं में कई उपलब्धियां दर्ज कर रहा है। प्रदेश को 2023 में स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। वहीं योगी सरकार ने प्रदेश को दवा निर्माण का हब बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इसी का नजीता है कि आज प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क, बल्क ड्रग पार्क, मेडटेक पार्क मूर्त रूप ले रहे हैं। इसके अलावा उपचार पर भी जीरो पॉकेट खर्च पर काम कर रही योगी सरकार ने काफी सराहनीय कार्य किये हैं। यही नहीं इस वर्ष योगी सरकार ने यूपी के लोगों को कई अन्य सौगातें भी दी हैं।

उपचार पर जीरो पॉकेट खर्च पर काम कर रही योगी सरकार

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस वर्ष प्रदेश के जिला चिकित्सालयों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने पर 46 जिलों की 81 चिकित्सा इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस प्रमाणपत्र दिया गया है, जिसमें 43 जनपद स्तरीय, 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। वहीं प्रदेश के अन्य चिकित्सा इकाइयों को एनक्यूए प्रमाण पत्र से भी नवाजा गया है।

जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर में कमी लाने को दी जा रही एसबीए ट्रेनिंग

योगी सरकार प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को सौ प्रतिशत सुरक्षित प्रसव की सुविधा देने और मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रदेश के प्रसव केंद्र पर तैनात एएनएम, एलएचवी (लेडी हेल्थ विजिटर), स्टाफ नर्स, आयुष महिला डॉक्टर्स की क्षमता को बढ़ाने के लिए स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट (एसबीए) ट्रेनिंग को बढ़ावा दिया है। इसका मुख्य लक्ष्य नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार प्रति लाख डिलीवरी के वक्त मातृ मृत्यु दर जो 167 है, उसे कम करके वर्ष 2030 तक 70 पर लाना है।

इसी तरह नवजात शिशु मृत्यु दर (प्रति एक हजार जीवित प्रसव) 28 है, जिसे वर्ष 2030 तक 12 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। ट्रेनिंग में स्टॉफ को एक्टिव मैनेजमेंट ऑफ थर्ड स्टेज ऑफ लेबर की जानकारी भी दी गई ताकि संक्रमण को पूरी तरह रोका जा सके। प्रदेश की करीब पांच हजार एएनएम, एलएचवी, स्टाफ नर्स और आयुष महिला डॉक्टर को एसबीए की ट्रेनिंग दी गई।

प्रदेश को दवा निर्माण का हब बनाने में उठाए गए कई महत्वपूर्ण कदम

योगी सरकार ने इस वर्ष यमुना अथारिटी में करीब 350 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क, ललितपुर में करीब दो हजार एकड़ में बल्क ड्रग पार्क और जेवर मेडटेक पार्क के निर्माण की दिशा में बड़े कदम उठाए। इसके अलावा प्रदेश में सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की 1838 से अधिक सीटें, निजी क्षेत्र में एमबीबीएस की 2150 से अधिक सीटें बढ़ाई गई। साथ ही 7 हजार से अधिक नर्सिंग, 5 हजार से अधिक पैरामेडिकल की सीटें बढ़ाई गईं। 22 नये मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रदेश में किया जा रहा है। इनमें से कुछ का निर्माण पूरा होगा और कुछ का अंतिम दौर में है।

केजीएमयू और एसजीपीजी को मिली कई सौगात

केजीएमयू में कुछ तकनीकी कारणों से बंद किडनी ट्रांसप्लांट हो फिर से शुरू किया गया। यहां इस साल कुल पांच मरीजों के प्रत्यारोपण हुए हैं। इसके अलावा परिसर में कैंसर रोग की जांच में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पेट स्कैन मशीन स्थापित की गई है। वहीं, क्वीनमेरी में आइवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की ओपीडी शुरू की गई। इससे बांझपन की मरीजों को निजी संस्थान जाने से छुटकारा मिल गया है। खास बात यह है कि मेडिकल कालेज में यह इलाज करीब 35-40 हजार रुपये में उपलब्ध है, जबकि निजी संस्थानों में लाखों रुपये लेते हैं।

एसजीपीजाइ में इस साल इमरजेंसी में 15 बेड बढ़ाए गए। लोहिया संस्थान के लिए मौजूदा साल अच्छा रहा। अस्पताल का संस्थान में पूरी तरह से विलय हुआ। संस्थान में नई इमरजेंसी यूनिट बनी। इमरजेंसी में ही पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच भी शुरू की गई। थैलेसीमिया मरीजों को वार्ड की सौगात मिली। वहीं, संस्थान के मातृ एवं शिशु अस्पताल परिसर में 300 बेड के हास्टल का भी लोकार्पण किया गया। माड्युलर पीडियाट्रिक आइसीयू और मैटरनल आइसीयू भी तैयार है। परिसर में इसी साल पहली बार आइवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की ओपीडी शुरू की गई।

ये भी जानें

- इस वर्ष दिमागी बुखार से पूर्वांचल पूरी तरह से मुक्त हुआ

- कर्मचारियों व पेंशनरों को कैशलेश चिकित्सा सुविधा प्राप्त हुई

- एक जिला एक मेडिकल कॉलेज के तहत 65 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हुए

- 33 एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों को दोबारा किया गया चालू।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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