Lucknow: योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में मदरसा टीचरों को अब नहीं दिया जाएगा मानदेय

Lucknow: 2016 में अखिलेश यादव की सरकार द्वारा मदरसा शिक्षकों को हर महीने मानदेय दिया जाता था। पहले केंद्र सरकार ने इस मानदेय पर रोक लगाई थी और अब योगी सरकार ने भी इसे बंद कर दिया है।

Aakanksha Dixit
Written By Aakanksha Dixit
Published on: 10 Jan 2024 7:14 AM GMT
Uttar Pradesh
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Uttar Pradesh Madarsa  source : social media 

Uttar Pradesh News : अखिलेश यादव कार्यकाल से चले आ रहे तुष्टिकरण के एक और फ़ैसले पर योगी सरकार ने अमल करने से मना कर दिया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के तक़रीबन पच्चीस हज़ार मदरसों में पढ़ाने वाले उर्दू शिक्षकों को मिलने वाले मानदेय पर रोक लगा दिया गया है। हालाँकि केंद्र सरकार इस मानदेय को बहुत पहले ही बंद कर चुकी है। मदरसा टीचरों को मानदेय देने का फ़ैसला अखिलेश यादव सरकार ने 2016 में लिया था।इस फ़ैसले के बाद भविष्य में मदरसा शिक्षकों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। सरकार द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद लगभग 25000 के आसपास मदरसा शिक्षकों का मानदेय बंद किया गया है।

क्या है ये मदरसा आधुनिकीकरण योजना?

1995 में केन्द्र में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना शुरू की थी। मदरसा आधुनिकीकरण योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक पहल है, जिसका उद्देश्य मदरसों को आधुनिक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के साथ समृद्धि करने में मदद करना था। इस योजना के तहत, बच्चों के लिए शिक्षकों द्वारा आधुनिक शिक्षा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी भाषा और तकनीकी शिक्षा आदि विषयों को पढ़ाया जाना था। इस योजना के तहत लगभग 2500 शिक्षक रखे गए थे।

मिलता था यह मानदेय

2016 में अखिलेश सरकार द्वारा मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत स्नातक शिक्षकों को 8 हजार और परास्नातक शिक्षकों को 15 हजार रुपये दिए जाते थे। उससे पहले जब यह योजना आयी थी तब स्नातक शिक्षकों को 6 हजार और परास्नातक शिक्षकों को 12 हजार रुपये प्रति महीने मानदेय दिया जाता था।

बंद करने के पीछे क्या है वजह?

असल में इस योजना को केंद्र सरकार में 2021-22 तक ही स्वीकृति दी थी। जिसमें केंद्र सरकार के द्वारा पहले से इन शिक्षकों को मानदेय नहीं मिल रहा था। इसके बावजूद बजट मे से राज्य सरकार द्वारा मानदेय दिया जा रहा था। अभी तक इस मानदेय में किसी भी प्रकार की कोई भी वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है। जिस कारण से सभी जिलों को आदेश भेजते हुए मानदेय देने पर रोक लगा दी गयी है।

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नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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