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UP Bulldozer Action: यूपी में इन माफियाओं-अपराधियों पर नहीं चला योगी सरकार का बुलडोजर
UP Bulldozer Action: कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के भी घर को गिरना उचित नहीं है। यदि कोई व्यक्ति दोषी है तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता।
UP Bulldozer Action: योगी सरकार ने अपने बुलडोजर एक्शन को लेकर काफी सुर्खियों में रही हैं। सरकार ने अब तक कई बड़े माफियाओं और अपराधियों की भूमि और निर्माण को सरकार ने पल भर में जमींदोज कर दिया है। वहीं विपक्ष सरकार के बुलडोजर एक्शन पर लगातार पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए हमलावर ही रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाए कि यूपी सरकार ने बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) में पक्षपात ही किया है। रेप केस, पेपर लीक और हत्या समेत कई संगीन मामलों में सरकार ने बुलडोजर एक्शन नही लिया। वहीं अब सरकार के बुलडोजर एक्शन का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की दहलीज तक जा पहुंचा है।
जमीयत-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में धर्म विशेष को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है। जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर गंभीर सवाल भी उठाए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के भी घर को गिरना बिल्कुल भी उचित नहीं है। कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि यदि कोई व्यक्ति दोषी है तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर 2024 को करेगा। इस मामले के बीच आइए आपको बताते हैं कि यूपी में कब माफिया और अपराध पर बुलडोजर एक्शन नहीं हो सका-
कुलदीप सिंह सेंगर रेप कांड
साल 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के पहली बार आते ही सबसे पहले राजनीतिक भूचाल उठा। जब उन्नाव में भाजपा के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुराचार का आरोप लगा। इस मामले में काफी तूल पकड़ा था। पीड़िता को एफआईआर दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह करना पड़ा। तब जाकर कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले की सीबीआई जांच हुई और तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा भी हुई। सालों तक चले इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर या इस केस से जुड़े किसी भी शख्स के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर नहीं चला।
बीएचयू छेड़छाड़ मामला
दूसरा वाकया बीते साल नवंबर 2023 का है। जब बनारस हिंदू विष्वविद्यालय (बीएचयू) के आईआईटी कैंपस में छात्रा के साथ बंदूक की नोंक पर भाजपा के आईटी सेल से जुड़े तीन युवकों ने छेड़खानी की। यहीं नहीं वीडियो बनाकर छात्रा को धमकी भी दी। आरोपी युवकों की गिरफ्तारी और न्याय के लिए बीएचयू के छात्रों ने आईआईटी कैंपस में कई दिनों तक प्रदर्शन भी किया।
इसके बाद छेड़छाड़ के आरोपी कुणाल पांडे, अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तीना आरोपियों का भाजपा नेताओं से कनेक्शन भी सामने आया। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ आरोपियों की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। लेकिन इन सब के बावजूद भी आरोपियों के घर पर बुलडोजर एक्शन नहीं हुआ। वर्तमान में दो आरोपी कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान की इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत भी हो चुकी है। वहीं सक्षम पटेल की जमानत पर सितंबर माह में सुनवाई होनी है।
रितिक पांडे हत्याकांड
तीसरा मामला राजधानी लखनऊ से ही है। जहां 23 जुलाई 2024 को राजधानी लखनऊ में रितिक पांडे नाम के एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी। रितिक की गांव के ही दबंग हिमांशुषु सिंह, प्रियांशु सिंह, अवनीश सिंह, प्रत्यूष सिंह और सनी सिंह ने मामूली विवाद में जमकर पिटाई कर दी थी। जिसके बाद रितिक की मौत हो गयी थी। मामले को लेकर परिजनों ने कई दिनों तक न्याय के लिए धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। बताया जा रहा है कि पकड़े गये आरोपी सरोजिनीनगर से भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह के करीबी हैं। सोशल मीडिया पर बीजेपी विधायक के साथ तस्वीरें भी वायरल हुईं। लेकिन आज के किसी भी आरोपी के घर पर योगी सरकार का बुलडोजर एक्शन नहीं हुआ।