Lucknow University: घर बैठे देख सकेंगे दीक्षांत समारोह, यूट्यूब चैनल पर होगा लाइव प्रसारण

Lucknow University: प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग विश्वविद्यालय के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर की जाएगी। यह व्यवस्था बीते कई वर्षों से की जा रही है। इससे संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं समेत अभिभावक घरों में रहकर भी दीक्षांत समारोह को देख सकेंगे।

Abhishek Mishra
Published on: 12 Sep 2024 1:45 PM GMT
Lucknow University: घर बैठे देख सकेंगे दीक्षांत समारोह, यूट्यूब चैनल पर होगा लाइव प्रसारण
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Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से 67वें दीक्षांत समारोह के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 16 सितंबर को होने वाले समारोह का लाइव प्रसारण किया जाएगा। जिससे लोग घर बैठे ही समारोह देख सकेंगे।

दीक्षांत समारोह का होगा लाइन प्रसारण

एलयू प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग विश्वविद्यालय के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर की जाएगी। यह व्यवस्था बीते कई वर्षों से की जा रही है। इससे संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं समेत अभिभावक घरों में रहकर भी दीक्षांत समारोह को देख सकेंगे। इसके अलावा दीक्षांत सप्ताह के तीसरे दिन अलग-अलग विभागों में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं हुई। हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में कहानी पाठ प्रतियोगिता हुई। रसायन विज्ञान विभाग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता: वर्तमान रुझान और भविष्य की दिशाएं पर एक भाषण कार्यक्रम हुआ। विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि कुल 18 छात्रों ने प्रतिभाग किया।

तीन दिवसीय उद्गम का शुभारंभ हुआ

लोक प्रशासन विभाग की ओर से तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम उद्गम का शुभारंभ हुआ। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नंदलाल भारती ने बताया कि पहले दिन भाषण और एकल व समूह गीत प्रतियोगिताएं हुईं।। गीत प्रतियोगिता का समन्वयन कौशांबी और यशस्वी ने किया। भाषण प्रतियोगिता का समन्वयन ऋषभ और शेखर ने किया। संचालन विभाग की छात्रा स्वर्णिमा और शताक्षी ने किया। गीत और भाषण प्रतियोगिताओं में कार्तिकेय, भव्या, कविता, आरुषि, उत्कर्ष समेत 50 से अधिक छात्रों ने अपने प्रदर्शन से श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया। डॉ. वैशाली सक्सेना, डॉ. नंदिता कौशल, डॉ. श्रद्धा, डॉ. सुशील चौहान और डॉ. उत्कर्ष उपस्थित रहे।

मौन को आवाज और बाधा को तोड़ सकते

सेंसिटाइजेशन सेल ने यूथ की आवाज: जेंडर बाधाओं को तोड़ना और उनकी आवाज़ को बढ़ाना शीर्षक से एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। संयोजिका प्रो. रोली मिश्रा ने बताया कि समाजशास्त्र विभाग के हेड प्रोफेसर डीआर साहू ने कहा कि हम मौन को आवाज दे सकते हैं और बाधाओं को तोड़ सकते हैं। इसके बाद अभिन्न श्याम तिवारी ने वाद्य यंत्र प्रस्तुति किया। संस्कृति बर्नवाल ने मां, अब घर घर नहीं लगता शीर्षक कविता का भी वाचन किया। नुक्कड़ नाटक समूह अदम्य ने ऑडिटोरियम में बैठे युवा मनों को प्रेरित किया। जेनसेन के सदस्य डॉ. प्रशांत शुक्ला, अनुपमा सिंह, प्रो. अशोक खैतल, डॉ. दिनेश यादव, डॉ. हरनाम सिंह और डॉ. प्रमोद कुमार समेत कई अन्य उपस्थित रहे।





Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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