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Lumpy Skin Disease: हर जिले 'डेडीकेटेट गो चिकित्सा केन्द्र', एक हफ्ते में सभी गौशालाओं में होगा टीकाकरण
Lumpy Skin Disease: पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कार्यालय कक्ष में पशुओं में फैली लम्पी स्किन डिजीज के प्रभावी नियंत्रण हेतु गठित की गयी टीम-09 की बैठक में विस्तृत समीक्षा की।
Lumpy Skin Disease: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा मंगलवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश में गोवंशीय पशुओं में फैली लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के प्रभावी नियंत्रण हेतु गठित की गयी टीम-09 की बैठक में रोग प्रकोप के नियंत्रण एवं पशुओं के बचाव हेतु कृत कार्यवाही की विस्तृत समीक्षा की गयी।
17.5 लाख टीकों की हुई खरीद
बैठक में बताया गया कि लम्पी रोग वर्तमान में प्रदेश के 07 मण्डलों तक सीमित है। सरकार द्वारा आकस्मिकता के दृष्टिगत तात्कालिक रूप से कुल 17.5 लाख टीकों का आकस्मिक क्रय कराते हुए जनपदों में माइक्रो प्लान के अनुसार टीकाकरण की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है और सभी प्रभावित जिलों में औषधियां उपलब्ध कराई गई हैं।
70 मोबाइल वेटरनरी यूनिट भेजी गई
पशुधन मंत्री ने बीमारी से प्रभावित पशुओं को अलग रखने के उद्देश्य से बनाये गये ''डेडीकेटेड गोआश्रय स्थलों'' की भी समीक्षा करते हुए प्रत्येक प्रभावित जनपद में डेडीकेटेड गोआश्रय स्थलों की स्थापना सुनिश्चित कराने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु प्रभावी कदम के रूप में 70 मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) को झांसी मण्डल सहित कुल प्रभावित 07 मण्डलों में भेजा जाए।
टोल फ्री नंबर भी हुआ जारी
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे द्वारा अवगत कराया गया कि बीमारी संबंधी नमूनों के परीक्षण हेतु स्थापित प्रयोगशालाओं के साथ ही मथुरा के पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (दुवासू) में भी एलएसडी नमूनों की जांच हेतु प्रयोगशाला स्थापित कराई गयी है। इसके अलावा पशुपालन निदेशालय के कंट्रोल रूम में फोन नं.-0522-2741191 और मो.नं.- 7880776657 व टोल फ्री नं.- 18001805141 स्थापित हैं, जहां से कोई भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इन दो जगहों पर एलएसडी नमूनों की जांच
अपर मुख्य सचिव पशुधन ने आगे बताया कि रोग नियंत्रण एवं बचाव हेतु सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बीमारी संबंधित नमूनों के परीक्षण बरेली के आईवीआरआई के साथ-साथ पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (दुवासू), मथुरा में एलएसडी नमूनों की जांच हेतु आरटीपीसीआर आधारित प्रयोगशाला क्रियाशील हो गई है। जिससे जांच में तेजी आयेगी। बैठक में पशुपालन निदेशालय के निदेशक डा0 प्रमोद कुमार सिंह, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा. इन्द्रमणि सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।