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Amarmani Tripathi News: अमरमणि का रिहा होना तय, SC ने रिहाई पर नहीं लगाई रोक, यूपी सरकार से 8 हफ्तों में मांगा जवाब
Amarmani Tripathi News: अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को अच्छे आचरण की वजह से समाप्त कर दिया गया है।
Amarmani Tripathi News: अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। लेकिन, यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए आठ हफ्तों में जवाब मांगा है। बता दें अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। दरअसल, अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को अच्छे आचरण की वजह से समाप्त कर दिया गया है। अमरमणि त्रिपाठी की समय से पहले रिहाई का शासनादेश से भी जारी कर दिया गया है।
जेल से रिहा होंगें अमरमणि त्रिपाठी, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई रोक
मधुमिता हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को सजा दिलवाले के लिए निधि शुक्ला ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। निधि शुक्ला ने रिहाई रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, जहां से उन्हे झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला को राहत नहीं मिली है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए आठ हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
इस आधार पर जारी हुआ रिहाई का आदेश
दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों की रिहाई पर विचार करने की सलाह दी थी। इसके बाद अमरमणि त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में अच्छे आचरण के आधार पर अपनी रिहाई के लिए याचिका दायर की थी। उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गत 10 फरवरी को रिहाई का आदेश जारी किया था। आदेश का अनुपालन न होने पर अमरमणि त्रिपाठी की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई थी।
इस पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत 18 अगस्त को फिर उनकी रिहाई का आदेश पारित किया गया। इस आदेश में कहा गया था कि 66 साल की उम्र और जेल में अच्छे आचरण को देखते हुए यदि उनके खिलाफ कोई अन्य मामला न हो तो उनकी रिहाई कर दी जाए। इसी आधार पर अब शासन की ओर से अमरमणि की रिहाई का आदेश जारी किया गया है।
किस तरह हुई अमरमणि को सजा
उत्तर प्रदेश में मधुमिता शुक्ला हत्याकांड काफी चर्चित रहा है। लखनऊ में निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय मधुमिता सात महीने की गर्भवती थीं। बाद में डीएनए टेस्ट में अमरमणि त्रिपाठी के इस बच्चे का पिता होने की पुष्टि हुई थी। इस हत्याकांड के समय अमरमणि त्रिपाठी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इस हत्याकांड से उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया था और हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण बाद में सीबीआई को इस मामले की जांच सौंप दी गई थी।
मधुमिता की बहन निधि की याचिका पर इस मामले को उत्तराखंड ट्रांसफर कर दिया गया था। देहरादून सेशन कोर्ट ने इस मामले में 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि और मधुमणि समेत पांच लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ अमरमणि त्रिपाठी नैनीताल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी गए मगर दोनों अदालतों ने उनकी सजा को बरकरार रखा था।