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Amethi News: पंगु हो गई है अमेठी की पशु चिकित्सा व्यवस्था, बारह लाख पशुओं पर मात्र पांच चिकित्सक

अमेठी में पशु चिकित्सा की व्यावस्था काफी लचर है यहां पर बारह लाख जानवरों पर मात्र पांच डाक्टर हैं।

Surya Bhan Dwivedi
Report Surya Bhan DwivediPublished By Deepak Raj
Published on: 15 July 2021 4:02 PM GMT (Updated on: 16 July 2021 1:53 AM GMT)
अपनी दयनीय स्थिति पर आंसू बहा रहा जर्जर भवन
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अपनी दयनीय स्थिति पर आंसू बहा रहा जर्जर भवन

Amethi News: जनपद में पशु चिकित्सा व्यवस्था पंगु हो गई है।लगभग बारह लाख जानवरो के इलाज के लिए जिले में महज पांच पशु चिकित्सक है। पशुपालक अपने पशुओं के इलाज के लिए झोला छाप चिकित्सकों की शरण में है। आए दिन पशु इलाज के अभाव में दम तोड देते है जिसका रिकार्ड किसी के पास नहीं है। मामले को लेकर पशुपालकों में आक्रोश है वही किसान संगठन के नेताओं ने आंदोलन की चेतावनी दिए है।

मालूम हो कि जिले में पशुचिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।पशुपालक और पशु सरकार की उदासीनता के चलते सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है।पशुओं के इलाज के लिए ना तो चिकित्सक है ना ही दवाइयां है।पशुओं के इलाज के लिए जनपद में 28 पशुचिकित्सालय है।जिसमे अधिकांश पशुचिकित्साल भवन जर्जर हो गए है। 23 पशुचिकित्सालय में चिकित्सक के पद खाली है। महज पांच चिकित्सक ही इलाज के लिए है। वहीं भारी मात्रा में कंपाउंडर के पद भी रिक्त है। दो अस्पतालो में ही सिर्फ कंपाउडर है।

लगभग 12 लाख जानवरो का इलाज राम भरोसे


प्रतिकात्मक तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है



सरकारी आंकड़ों के अनुसार अमेठी जनपद में कुल 1175497 जानवर है। जिसमे सबसे अधिक दुधारू जानवर है। 315654 गाय, 342664 भैंस, 8094 भेड़, 214207 बकरी, 10855 सूकर और 284023 कुक्कुट है। अब बड़ा सवाल यह है कि ये जानवर बीमार होते है तो इनका इलाज कैसे होगा।पशुपालकों को सरकारी चिकित्सक बहुत कम मिलते है। झोला छाप चिकित्सकों के सहारे इलाज का जिम्मा है। जानवरों में प्रमुख रूप से मुंहपका, खुरपका, बुखार, लंगड़ी आदि बीमारी तेजी से फैली हैं। पशुपालक भगवान भरोसे है।

पशुपालकों में आक्रोश

पशुपालक घनश्याम मिश्रा बताते है कि सरकारी डाक्टर मिलते ही नही है। जब आपातकाल में जरूरत पड़ती है तो गांव के ही डाक्टर के पास जाते है कम से कम इलाज तो हो जाता है।कई बार सही इलाज ना होने से जानवर के पेट में बच्चा मर जाता है।जानवर खराब हो जाता है।सरकार को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।नवहीं किसान यूनियन कि नेता गीता गुप्ता ने बताया कि सरकारी व्यवस्थाएं बहुत बदहाल हो गई हैं हम लोगों को विवशता में गांव के चिकित्सकों से इलाज कराना पड़ रहा है।



सरकार अति शीघ्र चिकित्सकों और दवाइयों की व्यवस्था नहीं करती तो हम लोग आंदोलन करेंगे वही पशुपालक राम अवध मिश्र ने बताया कि हम लोगों को इससे आए दिन समस्या होती है कभी गर्भाधान में तो कभी पशुओं के इलाज में हम लोग परेशान रहते हैं।नसमुचित इलाज ना मिल पाने से हम लोगों का मन पशुओं को पालने से टूट रहा है। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी जे पी सिंह ने बताया कि शासन को पत्र भेजा गया है।लगातार प्रयास किया जा रहा है।चिकित्सकों की कमी है।दवाइयां जल्द ही आने की उम्मीद है।


Deepak Raj

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