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UP Election 2022: औरैया में महिलाओं की चुनौती से बना रोचक मुकाबला
UP Election 2022 : विधानसभा सीट पर पहली पुरुषों को महिलाएं चुनौती दे रही हैं। कांग्रेस की रणनीति के जवाब में भाजपा ने भी आधी आबादी को साधने का दांव चल दिया।
Up Election 2022 : यूपी के चुनाव में औरैया विधानसभा सीट पर पहली पुरुषों को महिलाएं चुनौती दे रही हैं। कांग्रेस की रणनीति के जवाब में भाजपा ने भी आधी आबादी को साधने का दांव चल दिया। जबकि सपा और बसपा ने पुरुष उम्मीदवारों को उतारा है। दो प्रमुख दलों की ओर से महिला प्रत्याशी मैदान में होने से कड़े मुकाबले की उम्मीद है।
गुड़िया बना सरिता
भाजपा ने यहां से गुडिय़ा कठेरिया को प्रत्याशी बनाया है जबकि और कांग्रेस ने सरिता दोहरे को उतारा है। ऐसे में महिला मतदाताओं झुकाव देखना रोचक होगा।सपा ने जितेंद्र दोहरे व बसपा ने रवि शास्त्री दोहरे को टिकट थमाया है। 2017 में यहां से रमेश दिवाकर ने करीब 31 हजार वोटों से बसपा प्रत्याशी भीमराव को शिकस्त दी थी।
कोरोना की दूसरी लहर में रमेश दिवाकर का निधन हो गया था। इस सीट पर उपचुनाव नहीं हुआ। 2017 में औरैया सीट पर सपा ने मदन लाल गौतम को लड़ाया था लेकिन वह तीसरे नम्बर पर रहे थे। मदन ने इस बार सपा छोड़ भाजपा की सदस्या ले ली है।
पहले हुआ करती थी अजीतमल सीट
औरैया विधानसभा सीट 2009 में हुए परिसीमन से पहले अजीतमल सीट (Ajitmal seat) से जानी जाती थी। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में रेखा छागला ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी। औरैया विधानसभा सीट के बारे में कहा जाता है कि यहां से जो भी राजनीतिक दल चुनाव जीतता है, वही प्रदेश में सत्ता पर काबिज होता है।
अजीतमल सीट पर 1952 से 1989 तक कांग्रेस के विधायक रहे। 1989 चुनाव में जनता दल से मुंशीलाल गौतम जीते और पार्टी सत्ता में आई। इसके बाद 1991 में छक्कीलाल कोरी भाजपा से मैदान में उतरेे और उनकी जीत से कमल खिला। वर्ष 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में रेखा छागला ने चुनाव लड़ा था। वह जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। तब बसपा-सपा गठबंधन की सरकार बनी थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रमेश दिवाकर ने यहां से जीत दर्ज की थी।
प्राचीन इतिहास
औरैया की पहचान दाल मिल और फर्नीचर उद्योग के कारण है। इस क्षेत्र की ऐतिहासिकता इसे मराठों के गौरव से लेकर अवध के इतिहास तक जोड़ती है जो कि प्राचीन काल में पांचाल राज्य में शामिल था।