Bikru Case: विकास दुबे कांड में दोषी अफसरों पर नहीं हुई कार्रवाई, फिर से खुली फाइल

विकास दुबे कांड में दोषी अफसरों पर अब तक कोई कार्रवाई न होने पर केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय ने इसका संज्ञान लिया है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 20 July 2021 3:29 AM GMT (Updated on: 20 July 2021 3:31 AM GMT)
No action was taken against the officers guilty in Vikas Dubey case
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विकास दुबे कांड में दोषी अफसरों पर नहीं हुई कार्रवाई: फोटो- सोशल मीडिया

Bikru Case: उत्तर प्रदेश के कानपुर में घटी घटना बिकरू कांड यानी कुख्यात विकास दुबे से पुलिस की मुठभेड़ काफी चर्चित रही है। इस घटना को एक साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आरोपित अफसरों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसा काण्ड में जांच के बाद कई अफसरों और पुलिस वालों की गैंगस्टर से सांठगांठ का खुलासा हुआ था। केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय ने इसका संज्ञान लिया है। प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 60 दिनों में कार्रवाई से अवगत कराते हुए रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

कानपुर के बिकरू कांड के आरोपियों में आईपीएस, पीसीएस, 67 दरोगा और इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे। इसमें छह को बड़ा दंड आठ को लघु दंड और 23 के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश हुए थे। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 11 सीओ को भी दोषी पाया गया था।

किसी पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं

बता दें कि यह वह अधिकारी थे, जिनके समय पर मास्टर माइंड विकास दुबे के असलहा का लाइसेंस बना और रिन्यू होता चला गया। इसके अलावा कुछ और पुलिसकर्मियों के नाम सामने आए। सभी के खिलाफ जांचें शुरू हो गईं। कार्रवाई किसी पुलिस कर्मी के खिलाफ नहीं हुई। इस मामले को लेकर एडवोकेट सौरभ सिंह भदौरिया ने केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई थी।

विकास दुबे कांड घटनास्थल: फोटो- सोशल मीडिया

मंत्रालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर साठ दिनों में कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। एडवोकेट के मुताबिक आरोपित पुलिस कर्मियों को जांच में बचाने के लिए देर की जा रही है।

सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या हुई थी

पिछले साल 2020 में 2/3 जुलाई की रात कानपुर के बिकरु गांव में विकास दुबे और उसके साथियों ने CO समेत आठ पुलिस वालों को रात के अंधेरे में घात लगाकर मार डाला था। पुलिसकर्मी विकास दुबे को पकड़ने गए थे। पुलिसकर्मियों की हत्या के अगले दिन ही पुलिस ने विकास दुबे के चाचा प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को मार गिराया था। इस मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे एक हफ्ते बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ था।

हथियार छीनकर भागने की कोशिश में गई विकास दुबे की जान: फोटो- सोशल मीडिया

हथियार छीनकर भागने की कोशिश में गई जान

विकास दुबे को यूपी STF और यूपी पुलिस की टीम उज्जैन से कार के जरिए ला रही थी। यूपी पुलिस के मुताबिक, कानपुर में एंट्री के दौरान तेज बारिश हो रही थी जिससे काफिले की एक गाड़ी पलट गई। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिसवालों का हथियार छीना और भागने की कोशिश की। जब पुलिस की ओर से उसे घेरा गया, तो उसने पुलिस पर फायरिंग की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि इसके बाद मौजूद जवानों ने गोली चलाई और विकास दुबे मारा गया।

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