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यूपी में Cyber Crime का बढ़ता ग्राफ, फिर भी अधिकारी हैं लापरवाह, पीड़ित परेशान
साइबर अपराधियों ने इटावा के एक वरिष्ठ पत्रकार वेदव्रत गुप्ता के खाते से एक लाख से अधिक रुपये निकाल लिये।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने सूबे सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों को यह आदेश दिये हैं कि साइबर अपराध के मामले तत्काल दर्ज कर उन पर प्रभावी कार्रवाही अमल में लायी जाए। ताकि इस अपराध से जुड़े लोग जल्द से जल्द पकड़े जा सकें, लेकिन ठीक इसके उलट जनपदो में तैनात अधिकारी साइबर अपराधों के रोकने के प्रति लापरवाह ही साबित हो रहे हैं।
साइबर क्राइम से जुड़ा एक ताजा मामला सूबे के इटावा जनपद से प्रकाश में आया है। साइबर अपराधियों ने जिले के एक वरिष्ठ पत्रकार वेदव्रत गुप्ता के खाते से 1 लाख 24 हजार 9 सौ 91 रुपये निकाल लिये और वे अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिये पुलिस अधिकारियों के सरकारी नम्बरों पर कॉल ही करते रहे लेकिन किसी अधिकारी ने अपने सरकारी नम्बर पर आ रही कॉल की रिसीव ही नहीं की और जो अधिकारी उन्हें मौके पर मिले तो उन्होंने इस प्रकरण में उनकी मदद करने से हाथ खड़े कर दिए। पुलिस अधिकारियों की इस लापरवाही का यह परिणाम निकला कि साइबर अपराधी को बैंक से रुपये निकालने का भरपूर समय मिल गया।
यह घटना वरिष्ठ पत्रकार वेदव्रत गुप्ता के साथ जसवन्तनगर में स्टेट बैंक के क्रेडिट कार्ड बन्द करवाने के दौरान घटी। हुआ यूं कि इटावा के जसवन्तनगर निवासी वरिष्ठ पत्रकार वेदव्रत गुप्ता ने अपना स्टेट बैंक का क्रेडिट कार्ड बन्द करवाने के लिये गूगल से जो नम्बर लिये उसे डायल करने पर किसी सायबर अपराधी ने अपने मोबाइल पर ले लिया। फिर उसने कॉल पर बात करते हुए पत्रकार गुप्ता को विश्वास में लिया और एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाकर उनके फोन को चालाकी के साथ अपने से लिंक कर चार दफे में उनके स्टेट बैंक के खाते से 1 लाख 24 हजार 9 सौ 91 रुपये निकाल लिए।
जब इस घटना के बाद वेदव्रत बैंक पहुंचे, तो उन्हें अपने साथ यह हुए इस फ़्रॉड की जानकारी हुई। तब स्टेट बैंक के मैनेजर ने उनके खाते को लॉक कर उसमें से रूपयों की निकासी रोक दी। ताकि अपराधी अब और रकम खाते से न निकाल पाए।
जब इटावा जिला का यह वरिष्ठ पत्रकार थाना प्रभारी जसवन्तनगर के पास पहुंचे तो उन्होंने अपने स्तर से कोई भी मदद करने से इनकार कर दिया जिला मुख्यालय पर स्थित सायबर क्राइम सैल भेज दिया। साइबर क्राइम सैल में ऑपरेटर सन्दीप ने यह ट्रेस कर लिया कि उनके खाते से यह रकम पश्चिम बंगाल की बैंक के माध्यम से निकली गयी है, लेकिन सायबर क्राइम के ऑपरेटर सन्दीप ने उन्हें बताया कि बैंक ट्रांजिक्शन रोकने की आगे की कार्रवाही वो तभी कर सकेगा जब जिले का कोई बड़ा पुलिस अधिकारी उनके इस प्रार्थना पत्र को अपने दस्तखत व नोटिंग के साथ सायबर क्राइम सैल को रिकमंड करेगा।
इस प्रार्थना पत्र को साइबर क्राइम सैल के लिये रिकमंड करवाने के लिये पत्रकार वेदव्रत पुलिस लाईन,अधिकारियों के आवासों व उनके कार्यालयो में भटकते रहे। उन्होंने अपनी इस समस्या के निराकरण के लिये जनपद में सीओ से लेकर एसएसपी तक को उनके सियूजी नम्बरों पर कइयों बार कॉल्स की लेकिन किसी अधिकारी ने उनकी कॉल रिसीव करना भी मुनासिब नही समझा। इटावा के पुलिस अधिकारियों की इस लापरवाही का यह दुष्परिणाम निकला कि सायबर अपराधी को अपनी बैंक में रुपया ट्रान्सफर करने का भरपूर समय मिल गया, लेकिन गुप्ता जी अपनी शिकायत सायबर क्राइम सैल में महज अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब तक दर्ज नहीं करवा सके।
यूपी के डीजीपी ने यह सख्त आदेश किये हैं कि अब साइबर अपराध से जुड़े मामलों में पीड़ित को एफआईआर दर्ज करवाने के लिये भटकना नहीं पड़ेगा।लेकिन इटावा की गुरुवार को घटी इस घटना में पीड़ित आज शनिवार की शाम तक अपनी शिकायत सायबर क्राइम सैल में रजिस्टर्ड नही करवा सका है।साइबर क्राइम की अब चुनोतियाँ बढ़ रहीं हैं।इस अपराध का कोई सीमा क्षेत्र नहीं है।साइबर अपराध के शातिर खिलाड़ी देश के किसी भी हिस्से में बैठ कर साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।कोरोना काल मे तो साइबर क्राइम की नई विधाएं देखने को मिली हैं।
उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिये 19 साइबर लैब बनाने का प्रस्ताव है।साइबर सेल मुख्यालय की तरफ से इस सम्बन्ध में एक प्रस्ताव शासन को भेजा भी जा चुका है।इसमे एक बड़ी साइबर लैब मुख्यालय में ही बनाई जाएगी। ग्रह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जॉइंट साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम की बैठक में अब तक 300 ज्यादा फोन नम्बर साइबर अपराधियो के ट्रेस किये गए हैं।जिसमे 150 मोबायल नम्बर तो सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही हैं।अब जल्द ही जे सी आई टी इन साइबर अपराधियों के खिलाफ अपनी कार्रवाही शुरू करने जा रही है।
प्रदेश के साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिये 19 साइबर सेल बनाने का प्रस्ताव है।इसका प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया है।एक बड़ी साइबर लैब मुख्यालय में ही बनाई जाएगी।यह अत्याधुनिक होगी।इसके अलावा प्रदेश में 18 साइबर थानों एक एक लैब बनेंगी।जहां डाटाबेस मैनेजमेंट,फारेंसिक टूल्स,डेटा एनालिसिस सॉफ्टवेयर,डेटा एक्सट्रेक्शन सॉफ्टवेयर उपलब्ध होंगें।
अगर यूपी में साइबर क्राइम राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों लर पर नजर डालें तो भारत मे साइबर क्राइम के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश से ही हैं।आंकड़ों के अनुसार,साइबर अपराध में लगभग 63 प्रतिशत वृद्धि हुई है। नेशनल क्राइम ब्यूरो ब्यूरो के अनुसार साइबर क्राइम में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।यूपी में साइबर क्राइम की संख्या 11,419 रही है।