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Etawah News Live: बाढ़ में डूब गया पूरा घर, श्मशान में रहने को मजबूर परिवार

Etawah News Live: इटावा में आई बाढ़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। कच्चे घर और मवेशी बाढ़ के पानी मे बहने के बाद एक परिवार शमशान में रहने को मजबूर है।

Uvaish Choudhari
Report Uvaish ChoudhariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 14 Aug 2021 10:09 AM GMT
Etawah flood
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श्मशान में रहने को मजबूर परिवार

Etawah News Live: इटावा बाढ़ की त्रासदी ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। कच्चे घर और मवेशी बाढ़ के पानी मे बहने के बाद एक परिवार शमशान में रहने को मजबूर है। जानकारी मिलने पर मौके पर पहुँचे इटावा सांसद ने मौके पर पहुँचकर पीड़ित परिवार को घर और ज़मीन दिलवाने के वादा किया। इटावा में चकरनगर के यमुना नदी किनारे डिभोली गाँव के रहने वाले ज्ञान सिंह अपनी पत्नी और 5 बच्चो को लेकर शमशान में रह रहे हैं।

इटावा के चकरनगर एवं बढ़पुरा ब्लॉक में चम्बल एवं यमुना मे बाढ़ की त्रासदी से कई परिवार बेघर हुए, तो कई परिवार बाढ़ से बचने के लिए अपने कच्चे एवं पक्के को छोड़ 6-7 दिन तक मिट्टी के ऊंचे टीलों पर रहने को मजबूर हुए।

कच्चा घर पूरी तरह पानी में डूबा

लेकिन डीभौली गांव का ज्ञान सिंह का परिवार यमुना नदी के पास के खेतों में कच्चा घर बनाकर रह रहे थे। रात्रि में अचानक बाढ़ आ जाने से घर में पानी घुस गया। जिससे घर का सारा सामान बहने लगा। मवेशियों ने जब अपनी आवाज़ में शोर मचाना शुरू किया, तब ज्ञान सिंह की आंख खुली देखा तो कच्चा घर पूरी तरह पानी मे डूब चुका था।

मवेशी पानी में डूबने लगे, तो आनन-फानन में गृहस्थी को बचाने के लिए मवेशियों को निकालने लगे और वह पुल के पास बने अंत्येष्टि स्थल पर अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए पहुंच गए।

ज्ञान सिंह ने बताया कि उनके 5 बच्चे हैं और वह मजदूरी करके अपना पेट पालते थे। लेकिन बाढ़ की त्रासदी में उनकी गृहस्थी का बहुत सा सामान बह गया और उनकी दो बकरियां भी पानी में बह गई। आनन-फानन में उन्होंने अपना गृहस्थी का बड़ा सामान तो बचा लिया।

पहले सदस्यों को भी सुरक्षित निकाल लिया था और साथ में मवेशियों को लेकर परिवार सहित घर के पास बने अंत्येष्टि स्थल पर पहुंच गए। जब कहीं ठिकाना नहीं मिला तो उन्होंने श्मशान स्थल को ही अपना आशियाना बना लिया।


आनन फानन में शमशान में रहने का फैसला तो ले लिया, लेकिन दैनिक दिन चर्या की जो ज़रूरतें होती है वो यहां पूरी नही हो सकती। हालातों ने इस कदर मजबूर कर दिया, कि और कर भी क्या सकते हैं। सर छुपाने के लिए 5 बच्चो को लेकर कहाँ जाए, तो शमशान के एक कोने में पड़े टीन शेड को ही घर बना लिया। पानी की समस्या साथ में रात्रि में अंधेरे की समस्या से प्रतिदिन जूझते हैं।

सब कुछ पानी में बह गया

ज्ञान सिंह की पत्नी ममता देवी ने बताया कि गृहस्थी का सामान चकिया चूल्हा सब कुछ पानी में बह गया, किसी तरह से एक रिश्तेदार ने गैस का चूल्हा और सिलेंडर भिजवाया है उन्होंने वहीं शमशान पर ही ईंट का चूल्हा बनाया है।

पास में ही जब कोई मिट्टी आती है तो बच्चो को और खुद को उस दिन और रात में बहुत डर भी लगता है उनको ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिला, ना ही पंचायत की तरफ से किसी प्रकार का शौचालय प्राप्त हुआ था, उनके पास जमीन ना होने के कारण उन्होंने नदी के किनारे एक खेत में अपना कच्चा आशियाना बनाया था जो बाढ़ में खत्म हो चुका है। अब परिवार चलाने के लिए समस्याओं का डेरा बन चुका है और श्मशान स्थल ही बसेरा बना हुआ है।

श्मशान घाट में परिवार के रहने पर इटावा लोकसभा के बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया उस परिवार से मिलने पहुंचे। उनको हर संभव पक्का मकान दिलाने का भरोसा दिया।

उन्होंने कहा कि जिस तरह बाढ़ में आपका नुकसान हुआ है, प्रशासनिक अधिकारियों से कह कर आपके लिए प्रधानमंत्री आवास के तहत घर और पंचायत से जो भी सुविधाएं मिलती है वह सभी आपको दिलवाई जाएगी। बाढ़ में जो भी नुकसान हुआ है उसकी भी भरपाई करवाई जाएगी। वहीं बढ़पुरा ब्लॉक के मढ़ैया पछायगाँव मे भी कई परिवार बाढ़ की त्रासदी से त्रस्त होकर ऊंचे स्थान पर जाकर छप्पर पन्नी डालकर गुजर बसर करने पर मजबूर है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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