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Etawah News: स्क्रब टाइपस का कहर, जानें कितनी खतरनाक है ये बीमारी, क्या है इसकी वैक्सीन

Etawah News : मथुरा और फिरोजाबाद में कहर ढाने वाले विचित्र बुखार में वायरस स्क्रब टाइपस की पुष्टि हुई थी। अब यह इटावा में कहर ढा रहा है।

Uvaish Choudhari
Report Uvaish ChoudhariPublished By Shraddha
Published on: 21 Oct 2021 1:32 PM IST
इटावा में स्क्रब टाइपस का कहर
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इटावा में स्क्रब टाइपस का कहर

Etawah News : इटावा जनपद (Etawah District) में कोरोना की तरह ही खतरनाक स्क्रब टाइपस वायरस (Scrub Typhus Virus) फैलने की पुष्टि हो गई है। सितंबर माह में असम और यूपी में इस बीमारी ने कहर ढाने की शुरुआत की थी। मथुरा और फिरोजाबाद में कहर ढाने वाले विचित्र बुखार में वायरस स्क्रब टाइपस की पुष्टि हुई थी। अब यह इटावा में कहर ढा रहा है। आइये जानते हैं क्या है स्क्रब टाइपस और कैसे फैलता है।

सीएमओ डॉ. भगवान सिंह भिरौरिया (CMO Dr. Bhagwan Singh Bhiroria) ने स्क्रब टाइपस वायरस फैलने पुष्टि की। उन्होंने बताया कि केजीएमयू की जांच (KGMU investigation) में सामने आया है स्क्रब टाइपस वायरस। इटावा से 31 सैंपिल मे से 7 मरीजों मे निकले स्क्रब टाइपस वायरस के लक्षण। इसके बाद राजधानी लखनऊ से विशेषज्ञ डाक्टरो की टीम को बुलाने के लिए अपर स्वास्थ्य निदेशक को पत्र लिखा गया है। सीएमओ ने बताया है कि यह वायरस चूहों से फैलता है स्क्रब टाइपस वायरस।


इस वायरस की जद में आने से एक से लेकर 16 साल के बच्चे अधिक शिकार हो रहे हैं। सरकारी तौर पर तो मौतों की पुष्टि नहीं की जा रही है लेकिन गैर आधिकारिक तौर पर एक सैकड़ा मौतें होना माना जा रहा। क्योंकि गांव में होने वाली अधिकांश मौतों के मामलों में जांच नहीं हो पा रही है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण

स्क्रब टाइफस के लक्षण सामान्य हैं जिसमें बुखार और ठंड लगना भी शामिल है। इसके बाद सिरदर्द, शरीर में ऐंठन और मांसपेशियों में खिंचाव से दर्द होता है। ये ऐसे ही लक्षण हैं जैसे कोविड-19 के मामलों में सामने आए थे। हालांकि इसके मरीजों में गंध और स्वाद बना रहता है। जोड़ों में दर्द को कई बार लोग चिकनगुनिया का लक्षण भी समझ लेते हैं।

इतना घातक है यह वायरस

यह वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम, कार्डियो वस्कुलर सिस्टम, गुर्दों, श्वसन तंत्र और गैस्ट्रोइन्टेंस्टाइनल सिस्टम को प्रभावित करता है। ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं जिनमें मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर से मरीज की मौत हुई है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार स्क्रब टाइफस एक ऐसी बीमारी है जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया के कारण होती है। लोगों में यह संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है। इसे बुश टाइफस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वेक्टर जनित बीमारी है।

सबसे खास बात यह है कि इस वायरस से बचाव का अभी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसी के चलते इटावा में डेंगू एवं वायरल बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीज निजी क्लीनिकों में भरे हैं। निजी अस्पतालों में बेसमेंट और अस्पताल की छतों पर मरीज़ों का चल रहा इलाज, डॉक्टर का कहना कि मरीज इतनी ज्यादा संख्या में आ रहे है कि मजबूरी में बेसमेंट और छत पर इलाज करना पड़ रहा है।

डेंगू का डर दिखाकर अस्पताल संचालक कर रहे भर्ती

निजी अस्पताल संचालक लोगों से डेंगू के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहे हैं जबकि मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं पूरी तरह से इन अस्पतालों से गायब हैं। इस बारे में निजी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि प्रतिदिन 15 से 20 मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं। जोकि अपने साथ फीवर एन एस 1 फीवर की रिपोर्ट लेकर आते हैं जो कि एक तरह से डेंगू का वायरस है, इस रिपोर्ट के पॉजिटिव आने से उनका डेंगू का इलाज शुरू कर दिया जाता है। भीड़ इतनी ज्यादा है कि इनको घर वापस भी नहीं भेजा जा सकता और मरीज किसी भी हाल में अपना इलाज कराने को तैयार है। वहीं अधिकतर निजी अस्पतालों में मरीजों को डेंगू के नाम से भर्ती कर लिया जाता है और उसके बाद इलाज के नाम पर उनसे मनमानी फीस वसूली जा रही है।

बिना मानक जनपद में चल रहे निजी नर्सिंग होम



एक माह से लगातार विचित्र बुखार से मौतें हो रही हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस पर किसी तरह से सजग नजर नहीं दिखा। शहर में धड़ल्ले से प्राइवेट नर्सिंग होम बिना जाँच के डेंगू का इलाज करने में जुटे हैं। मरीजों में भय पैदा करके उनको भर्ती करके लगातार उनसे धन उगाही हो रही है।

शहर के बाईस ख़्वाजा रोड़ के मनोहर कालोनी में बिना मानक के बेसमेंट दर्जनों बच्चों और युवाओं का डेंगू का इलाज कर रहे है। जब इनसे पूछा गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि हमारे यहां कोई भी मरीज डेंगू के नही है और न बेसमेंट में कोई भर्ती है। जबकि वहा भर्ती मरीज और तीमारदार खुद बोल रहे है कि हमे डेंगू की शिकायत बताकर डॉक्टर गिरधारी ने भर्ती किया है हम लोगों को प्लेटलेट्स भी चढ़ाई जा रही हैं।

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Shraddha

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