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Rabia Saifi Murder case: राबिया सैफी के हत्यारों को फांसी देने की मांग, इटावा में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने निकाला कैंडल मार्च
इटावा में राबिया सैफी के हत्यारों को फाँसी की सजा दिलाने के लिए भीम आर्मी एवं आजाद समाज पार्टी काशीराम व राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के संयुक्त तत्वाधान में कैंडल मार्च निकाला गया।
इटावा: दिल्ली में बीते दिनों पुलिस कांस्टेबल राबिया सैफी की दरिंदों ने बेरहमी से हत्या (Rabia Saifi Hatyakand) कर दी थी, जिसके बाद देशभर में दरिंदों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग उठ रही है। इटावा में हत्यारों को फाँसी की सजा दिलाने के लिए भीम आर्मी एवं आजाद समाज पार्टी काशीराम व राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के संयुक्त तत्वाधान में कैंडल मार्च निकला गया।
केके डिग्री कॉलेज के सामने से केंडल मार्च शहर के प्रमुख मार्ग से होता हुआ अम्बेडकर स्थानीय बुद्ध विहार अम्बेडकर पार्क में समाप्त हुआ। प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर तथा तख्तियां लिए हुए थे, जिसमें लिखा था कि बहन राबिया के हत्यारों को फांसी दो, बहन हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा है, बहन बेटियों के सम्मान में भीम आर्मी मैदान में।
कैंडल मार्च में क़ौमी तहफ़्फ़ुज़ कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास, भीम आर्मी के कानपुर मंडल प्रभारी मोहम्मद आमीन भाई, आजाद समाज पार्टी के कानपुर मंडल प्रभारी देवराज आजाद, भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष मोहित गौतम एवं आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष अभिषेक आजाद, विपिन गौतम जिला संयोजक, भीम आर्मी प्रशांत गौतम, वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश प्रताप सिंह धनगर, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष मनीष बघेल, ऑल इंडिया इमाम संगठन के जिला अध्यक्ष हाफ़िज़ मोहम्मद अहमद चिस्ती, अमन शांति इंसानी भाई चारा के संयोजक शेखर यादव, अशोक जाटव सह प्रभारी आज़ाद समाज पार्टी इमरान खान, अतुल बिरारी, अमन बाबू जिला महासचिव, दुर्वेश बाबू, सौरभ प्रधान समहो आदि लोगों की उपस्थिति रही।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 21 वर्षीय राबिया सैफी की 26 अगस्त को चाकू मारकर हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार राबिया को कई बार चाकू से मारा गया और उसके निजी अंगों को बेरहमी से कुचला गया। पुलिस को राबिया का शव फरीदाबाद के सूरजकुंड पाली रोड के पास से मिला। 27 अगस्त को 23 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन नाम के एक शख्स ने कालिंदी कुंज पुलिस स्टेशन आकर आत्मसमर्पण किया और राबिया की हत्या की ज़िम्मेदारी ली। राबिया और निजामुद्दीन सिविल डिफेंस में काम करते थे। मामले के सामने आते ही सोशल मीडिया पर राबिया के लिए न्याय की मांग उठ रही है।