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Biography: जानें फर्रूखाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव के बारे में
इस बार फर्रूखाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी मोनिका यादव के सिर सजा गया है
नाम- मोनिका यादव
पिता- नरेंद्र सिंह यादव (पूर्व मंत्री)
शिक्षा- बीएससी
Biography: इस बार फर्रूखाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी मोनिका यादव के सिर सजा गया है, वहीं सपा प्रत्याशी डॉ. सुबोध यादव को करारी हार का सामना करना पड़ा। मोनिका को 18 व सुबोध को 12 वोट मिलने की घोषणा की। उनकी जीत की घोषणा होते ही समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई।
राजनीति परिवार से रखतीं हैं ताल्लुक
मोनिका यादव फर्रूखाबाद के बड़े राजनीतिक परिवार की बेटी है। उनके पिता नरेंद्र सिंह यादव सपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री रह चुके है। वहीं मोनिका यादव की शादी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के परिवार व सपा से बदायूं के सांसद धर्मेंद्र यादव से वर्ष 2005 में हुई थी। बता दें कि पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव से शादी के कुछ समय बाद ही मोनिका के संबंध टूट गए। बीएससी पास मोनिका यादव 2010, 2015 में बीडीसी मेंबर पद पर चुनाव जीत चुकी हैं। वह वर्ष 2015 में ब्लाक अध्यक्ष का चुनाव हार गई थीं। उन्हें अमित दुबे से हार का सामना करना पड़ा था। मोनिका यादव का नाम कामकाजी महिलाओं में आता है।
मोनिका यादव के भाई हैं सचिन यादव
मोनिका यादव के भाई सचिन यादव पेशे से बिजनेसमैन हैं। वह राजनीति में आए तो थे पर कुछ खास नहीं कर पाए। वर्ष 2014 में सपा ने सचिन यादव को लोकसभा का टिकट दिया था, जिसके बाद सचिन का टिकट काट कर अलीगंज विधायक रामेश्वर सिंह यादव को टिकट दे दिया था। सपा से नाराज होकर सचिन सिंह यादव निर्दलीय चुनाव में ताल ठोकी थी। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर पूर्व राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव के पुत्र और अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी सचिन यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल बताते हुए कार्रवाई की गई। सचिन यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होना पाया गया था।
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव की बेटी हैं मोनिका यादव
मोनिका यादव के पिता पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव फर्रूखाबाद के भूडनगरिया गांव में रहते हैं। अब तक वह छह बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इलाके के लोगों में बाबू जी के नाम से वह प्रसिद्ध हैं। उन्होंने वर्ष 1993, 1997, 2002, 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत अर्जित कर रिकार्ड बनाया है। नरेंद्र सिंह यादव को राजनीतिक विरासत अपने पिता राजेन्द्र सिंह यादव से मिली थी। नरेंद्र सिंह यादव अपने इलाके की जनता से निरंतर संपर्क में रहते हैं। अधिक से अधिक समय अपने क्षेत्र के लिए देते हैं। वह जनता के दुःख दर्द में शरीक होते हैं।
इस बार सपा ने नरेंद्र सिंह यादव की बेटी मोनिका यादव को दरकिनार कर रामगोपाल यादव के खास सुबोध यादव को प्रत्याशी बना दिया। इसी को लेकर मोनिका सपा आलाकमान से नाराज थीं। मोनिका यादव ने समाजवादी पार्टी की सक्रिय सदस्यता से त्यागपत्र देकर बीजेपी से समर्थन मांगा। मोनिका यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। बीजेपी ने मोनिका यादव को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर समर्थन दिया है। गौरतलब है कि ज़िला पंचायत में बीजेपी के सिर्फ 4 सदस्य ही चुनाव जीत कर आए हैं। ऐसी हालत में बीजेपी अपने दम पर चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं थी। इसके लिए भाजपा ने मोनिका यादव पर सफल दांव आजमाया।