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Farrukhabad News: गंगा का जलस्तर बढ़ा, निचले इलाकों में बाढ़, नदी किनारे बसे ग्रामीण परेशान

Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में अभी निचले इलाकों से गंगा नदी का पानी पूरी तरह नहीं निकल भी नहीं पाया था।

Dilip Katiyar
Report Dilip KatiyarPublished By Divyanshu Rao
Published on: 11 Aug 2021 8:00 AM GMT (Updated on: 11 Aug 2021 8:05 AM GMT)
Farrukhabad News
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गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव में आई बाढ़ (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जिले में अभी निचले इलाकों से गंगा नदी (Ganga River) का पानी पूरी तरह नहीं निकल भी नहीं पाया था। की गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गया है। 15 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी के बाद गंगा नदी अब खतरे के निशान से सिर्फ 15 सेंटीमीटर ही नीचे है।

बांधों से भारी मात्रा में पानी भी छोड़ा जा रहा है। जिससे जलस्तर में और बढ़ोत्तरी की संभावना जताई जा रही है। कई गांवों में जलभराव के चलते ग्रामीण छतों पर बसेरा कर रहे हैं। जैसे तैसे ग्रामीण घर की गृहस्थी चला रहे हैं। खाना भी पकाया जा रहा है।

गंगा नदी में बाढ़ आने से ग्रामीण परेशान

गंगा नदी के बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ा

गंगा में बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने से जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। बुधवार को गंगा का जलस्तर 15 सेमी बढ़कर 136.95 मीटर पर पहुंच गया है। जो चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर से 35 सेमी ऊपर है। 137.10 मीटर पर खतरे का निशान है। आज सुबह गंगा में नरौरा बांध से 93 हजार 911 क्यूसेक,बिजनौर से 70 हजार क्यूसेक , हरिद्वार से 78 हजार 140 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बाढ़ लोगों के लिए मुसीबत बनकर टूटी है। जहां कटान तेज हो गई है वहीं लगातार पानी भरे रहने से लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

गंगा नदी किनारे बसे ग्रामीण परेशान

गंगा के किनारे बसे गांव हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, कुड़री सारंगपुर, तीसराम की मड़ैया, जोगराजपुर, लायकपुर आदि गांव के पास कटान शुरू हो गई है। हरसिंहपुर कायस्थ का प्राथमिक विद्यालय भी तेज धार में कटने लगा है। बाढ़ग्रस्त गांव ऊगरपुर, हरसिंहपुर कायस्थ, सुंदरपुर, नगला दुर्गू के ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। तीसराम की मड़ैया, अंबरपुर, रामपुर जोगराजपुर, सबलपुर के लोग सबसे अधिक परेशान हेा रहे हैं।

चित्रकूट में घरों में पानी भरने से लोग छतों पर रहने को हो रहे मजबूर

चित्रकूट गांव में जिन घरों में पानी भरा है। वहां के लोग अभी भी छतों पर रहने को मजबूर हैं। खाना भी छतों पर पका रहे हैं। रामगंगा में खो हरेली, रामनगर बांध से 45,131 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जोकि अब तक सबसे बड़ी मात्रा में है। इससे रामगंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ गांवों में कटान की भी आशंका है।

बाढ़ आने से ग्रामीण छतों पर रहने को हो रहे मजबूर

जब इस मामले में जिला अधिकारी मानवेंद्र सिंह बात की गयी तो उन्होंने बताया की बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की जा रही है। स्वास्थ्य टीमों को गांव में कैंप लगाकर दवा देने का आदेश जारी किया गया है। अगर किसी गांव में टीम नहीं पहुंचती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

Divyanshu Rao

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