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Farrukhabad News: अनुमति न होने पर जाहरवीर गोगा का निशान लेकर पहुंचे लोगों को पुलिस ने किया वापस
फर्रूखाबाद प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रद्धालु जाहरवीर गोगा जी महाराज की जयंती पर निशान लेकर पंहुचे।
Farrukhabad News: फर्रूखाबाद प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रद्धालु जाहरवीर गोगा जी महाराज की जयंती पर निशान लेकर पंहुचे। लेकिन अनुमति न होने पर पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से खदेड़ दिया। सोमवार दोपहर तकरीबन आधा सैकड़ा निशान ही दिखे जिनकी पूजा अर्चना कर रोक के बाद भी प्रदर्शन किया गया। इस बार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मेला न लगाने के आदेश थे। श्रद्धालु निशान लेकर कोतवाली फतेहगढ़ के निकट पंहुचे तो पुलिस को भनक लग गयी और पुलिस नेंउन्हें अनुमति न देते हुए निशान सहित वापस कर दिया।
फतेहगढ़ कोतवाली के निकट प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में वाल्मीकि समाज के लोग पवित्र निशान को लेकर एकत्रित होते है| वहीं उनकी भगत द्वारा पूजा अर्चना के बाद सीएमओ कार्यालय के निकट स्थित जाहरवीर गोगा जी महाराज मंदिर तक पवित्र निशान का प्रदर्शन करते हुए लाया जाता है और वहां से उनकी घर वापसी होती है। लेकिन इस बार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मेला न लगाने के आदेश थे।
देर रात जैसे ही श्रद्धालु निशान लेकर कोतवाली फतेहगढ़ के निकट पंहुचे तो पुलिस को भनक लग गयी और पुलिस ने उन्हें अनुमति न देते हुए निशान सहित वापस कर दिया। लेकिन जो निशान सुबह पंहुच गए थे वह गोगा जी मंदिर के निकट रखकर उनकी पूजा अर्चना के बाद निशान का प्रदर्शन भी किया गया। स्वास्तिक, मोर, हाथी आदि की कलाकृतियों से निशान सजे थे। मोरपंख भी बांधे गए। निशान के ऊपर सिरमौर को भी भव्य रूप दिया गया था। निशानों की डोर को गुरु (भगत) पकड़कर चल रहे थे। चेले निशान उठा रहे थे।
निशान उठाए-उठाए ही श्रद्धालु झूमते रहे। वर्ष में एक ही बार रक्षाबंधन के दूसरे दिन दशकों से लगते आ रहे मेले पर प्रशासन ने कोरोना महामारी के चलते रोक लगा दी थी। जिससे केवल कुछ निशानों की पूजा ही करायी गयी| वहीँ गैर जनपद कन्नौज के गुरसहायगंज व छिबरामऊ, एटा के अलीगंज व राजा का रामपुर आदि से भी कई श्रद्धालु पंहुचे लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते मायूस होकर वापस चले गये।
विधिवत मेला कमेटी का संचालन न करने और मेले में आयी समस्या को दूर न कराने आदि के मामले में समाज के लोगों ने बीते लगभग 20 वर्षों से मेला कमेटी अध्यक्ष का पद संभालने वाले मेला कमेटी अध्यक्ष श्रीकृष्ण को समाज के प्रमुख लोगों की नाराजगी के तहत हटा दिया गया। वहीं श्रीकृष्ण की जगह पर हरिओम वाल्मीकि को मेला कमेटी का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। मनोनीत अध्यक्ष हरिओम वाल्मीकि ने कहा कि वह समाज की हर सम्भव मदद करेंगे। पूर्व कमेटी का अभी तक पंजीकरण नहीं कराया गया है। मनोनीत अध्यक्ष ने बताया कि बीती देर रात काफी लोग निशान लेकर आये थे लेकिन पुलिस ने निशान लगने नहीं दिया। उन्होंने लाठीचार्ज की धमकी भी दी। इस दौरान दिलीप भगत, सतीश भगत, कारे भगत, रवि बुलेट आदि प्रमुख रूप से रहे।