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Fatehpur News: खतरनाक बीमारी से जूझ रहा 6 साल का मासूम, आर्थिक तंगी में इलाज कराना मुश्किल, मदद की आस
ज्ञानेंद्र सिंह व उनकी पत्नी पिंकी सिंह अपने 6 वर्षीय पुत्र मयंक सिंह को लेकर इधर से उधर भटक रहे हैं।
Fatehpur News: फतेहपुर सदर विधानसभा के रामपुर थरियांव गांव के रहने वाले ज्ञानेंद्र सिंह व उनकी पत्नी पिंकी सिंह अपने 6 वर्षीय पुत्र मयंक सिंह को लेकर इधर से उधर भटक रहे हैं। ज्ञानेंद्र सिंह की मानें तो उनका 6 वर्षीय बेटा अचानक लड़खड़ा कर गिरने लगा। यह देखकर वह घबरा गए और उसे प्रयागराज स्थित एक हॉस्पिटल में दिखाया, जहां से उन्हें पीजीआई के लिए डॉक्टरों ने रिफर कर दिया। पीजीआई के डॉक्टरों ने जब जांच करवाया तो इस गरीब परिवार के होश गुम हो गए। क्योंकि एक ऐसी बीमारी उनके बेटे को चपेट में ले लिया है जो अमूमन हजारों लोगों में एक व्यक्ति को होती है।
उन्होंने बताया कि उनके बेटे को मस्कुलर डिस्ट्रोफी नाम की बीमारी हुई है। इससे जैसे-जैसे बेटा बड़ा होगा। मस्तिष्क विकास नहीं कर पाएगा और बेटा खड़ा होने में असमर्थ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पीजीआई के डॉक्टरों ने कहा कि इसका भारत में इलाज भी संभव नहीं है। इस बीमारी का इलाज विदेशों में संभव है। लेकिन उसके लिए जो इंजेक्शन लगाया जाता है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है। जोकि ज्ञानेंद्र सिंह किसी भी कीमत में इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकता। ईश्वर ने इस बेटे को पैदा तो कर दिया, लेकिन अब इतनी बड़ी रकम ज्ञानेंद्र सिंह कहां से लाएं और कैसे अपने बेटे का इलाज कराएं।
इस बाबत वो दर-दर भटकता हुआ सदर विधायक विक्रम सिंह के आवास पहुंचे और सारी बातें बताई। इंसानियत की मिसाल को कायम करते हुए सदर विधायक विक्रम सिंह ने कहा की इस बात को वह मुख्यमंत्री ही नहीं प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का काम करेंगे और संभवत प्रधानमंत्री राहत कोष से इस गरीब परिवार को अगर मदद मिल गई तो 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन को मयंक को लगवा कर उसे अपने पैरों पर खड़ा करने का काम किया जाएगा।
ज्ञानेंद्र ने बताया कि अब तो उन्हें सदर विधायक विक्रम सिंह का ही सहारा है कि वह उनकी आवाज मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री तक पहुंचा दें। ताकि उनके बेटे का इलाज संभव हो सके। अब देखने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी रकम यानी 16 करोड़ रुपए की व्यवस्था कब तक और किस प्रकार हो पाएगी यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। लेकिन ज्ञानेंद्र सिंह व पिंकी सिंह अपने 6 वर्षीय बेटे मयंक सिंह को लेकर उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब कोई पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय या मुख्यमंत्री कार्यालय से आए और जिसमें यह लिखा हो कि मयंक सिंह के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर दी गई है और अब उनका बेटा खुशहाल जिंदगी गुजार सकता है।
फिलहाल यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है वहीं सदर विधायक विक्रम सिंह ने मीडिया से भी कहा है कि इस आवाज को प्रमुखता देते हुए लखनऊ व दिल्ली तक पहुंचाने का कार्य करें। ताकि इस गरीब की आवाज मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री तक पहुंच सके और इस गरीब बच्चे का इलाज हो सके।