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Kanpur Dehat: सरकारी तंत्र और खनन माफिया से परेशान किसान ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात

Kanpur Dehat: कानपुर देहात में अवैध खनन और उस पर कोई कार्रवाई न होने से परेशान किसान ने आत्महत्या कर ली।

Manoj Singh
Report Manoj SinghPublished By Shreya
Published on: 3 April 2022 7:47 PM IST
Kanpur Dehat: सरकारी तंत्र और खनन माफिया से परेशान किसान ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात
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आत्महत्या की डिजाइन तस्वीर (फोटो: न्यूजट्रैक)

Kanpur Dehat News Today: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात (Kanpur Dehat) में अवैध खनन (Illegal Mining) पर कार्रवाई न होने से एक किसान ने अपनी जीवन लीला समाप्त (Farmer Commits Suicide) कर ली। किसान की जमीन पर कई महीनों से अवैध मिट्टी का खनन किया जा रहा था। मृतक किसान ने जनपद के सभी अधिकारियों से अपनी जमीन पर माफियाओं द्वारा जबरन कब्जा कर अवैध खनन करने की शिकायत कई बार की थी। लेकिन जनपद के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने उस किसान की जमीन पर हो रहे अवैध खनन को रोकने की जहमत नहीं उठाई।

अंत में भाग दौड़ कर थक चुके किसान ने आत्महत्या कर लेने का रास्ता चुना और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक के पास से सुसाइड (Suicide) नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि मेरी मौत के जिम्मेदार अधिकारी है। मेरे घर के लोगों को परेशान न किया जाए। वहीं, अवैध खनन के चलते किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामले पर जनपद के अधिकारी कैमरे से बचते नजर आ रहे हैं।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

किसान की शिकायतों पर नहीं होती कोई कार्रवाई

आपको बता दें कि कानपुर देहात में खनन माफिया (Mining Mafia) जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से सांठ गांठ कर जमकर दिन रात अवैध खनन कर रहे हैं। अगर किसान अवैध खनन की शिकायत लेकर जनपद के अधिकारियों के पास जाता है तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। बल्कि किसान को ही परेशान किया जाता है। ऐसा कानपुर देहात के कई जगहों पर लगातार देखने को मिल रहा है। जहां खनन माफियाओं द्वारा अधिकारियों को मोटी रकम देकर जेसीबी और पोकलैंड मशीन लगाकर जनपद में कई जगह बिना परमिशन धड़ल्ले से दिनरात अवैध खनन किया जा रहा है। कुछ जगह तो परमीशन के नाम पर दूसरी जगह और मानक से ज्यादा खनन किया जाता है।

इन मामलों पर यदि कोई किसान जनपद के खनन अधिकारी से लेकर जनपद के जिम्मेदार की चौखट पर शिकायत करने जाता है तो उसकी सुनवाई नहीं होती है और किसान चक्कर लगाते-लगाते थककर बैठ जाता है। उन्हें लगता है कि हमारे खेत में जब मिट्टी ही नहीं रहेगी तो हम परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएंगे। कुछ किसान तो भगवान के ऊपर छोड़ देते हैं और कुछ किसान मौत का रास्ता चुन लेते हैं।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

मृतक किसान के खेत में हो रहा था अवैध खनन

जब जनपद के अधिकारी खनन माफियाओं से मोटी रकम लेंगे तो वो किसानों की पीड़ा कैसे समझेंगे। ऐसा ही कुछ हुआ रसूलाबाद नगर पंचायत (Rasulabad Nagar Panchayat) के किसान इंद्रपाल भदौरिया 50 वर्ष के साथ। जिनके बाग में बराबर अवैध खनन किया जा रहा था। इंद्रपाल ने अपने बाग की जमीन को बचाने के लिए। कई बार नगर पंचायत के अधिकारी से लेकर जनपद के उच्च अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

किसान के 4 बीघे के बाग की जमीन को अवैध तरीके से अवैध खनन करते हुए कई फुट गहरे तालाब में तब्दील कर दिया गया। कई बार शिकायत के बाद भी जब किसान इंद्रपाल को लगा कि जनपद के अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जब खेत में मिट्टी ही नहीं बचेगी तो किस तरह से वह वहां कोई फसल कर पायेगा और परिवार को क्या खिलायेगा। उसे लगा कि न्याय नहीं मिलेगा तो उसने मौत को गले लगा लिया। मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें खनन माफिया द्वारा जबरन जमीन से मिट्टी उठाने का आरोप लगाया है।

5 या 6 हजार ट्राली मिट्टी की गई खनन

वहीं, मृतक के परिजनों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जमीन से 5 या 6 हजार ट्राली मिट्टी खनन की गई है। कई महीनों से अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगा रहे थे लेकिन किसी अधिकारी ने कोई सुनवाई नहीं हुई थी, जिससे छुब्ध हिकर आत्महत्या कर ली।

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