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Kanpur Dehat News: अभियुक्त की तालिबानी पिटाई, विरोध करने पर मुंशी पर तानी दारोगा ने रिवाल्वर

Kanpur Dehat News: यूं तो हर सिक्के के दो पहलू होते हैं एक वो जो हमें दिखाई देता है और दूसरा वो जो हमें नहीं दिखता है।

Manoj Singh
Report Manoj SinghPublished By Divyanshu Rao
Published on: 4 Sep 2021 10:39 AM GMT (Updated on: 4 Sep 2021 10:41 AM GMT)
Kanpur Dehat
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दोनों दरोगा की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Kanpur Dehat News: यूं तो हर सिक्के के दो पहलू होते हैं एक वो जो हमें दिखाई देता है और दूसरा वो जो हमें नहीं दिखता है। ऐसे ही कानपुर देहात पुलिस का एक पहलू सामने आया है जिसे देखकर पूरा जिला हैरत में है। और खुद पुलिस महकमा भी, जिले के देवरा हट थाने के मामले में थाने के पुलिस कर्मी एक दूसरे के दुश्मन बना बैठे। और तान दी एक दूसरे पर सरकारी रिवाल्वर।

उत्तर प्रदेश की पुलिस की कार्यशैली से अमूमन हर शख्स पूरी तरीके से वाकिफ है। जहां पर भी उत्तर प्रदेश पुलिस की बात आती है तो कार्यशैली का अंदाजा खुद ब खुद लग जाता है। ऐसे में एक बार फिर से कानपुर देहात पुलिस चर्चा का विषय बन गई है। सूबे के मुखिया भले ही अपनी पुलिस के कसीदे पढ़ने मैं थकते नहीं हैं लेकिन उसी पुलिस ने अपनी कार्यशैली और अजीब तस्वीर से एक बार फिर से खुद को चर्चा में ला खड़ा कर दिया है।

देवरा हट थाने का है पूरा मामला

मामला देवरा हट थाने का है। जहां लड़ाई झगड़े के मामले में पकड़ कर लाए गए एक दलित युवक प्रमोद को पहले तो बड़ी ही बेरहमी से थाने में तैनात दो दरोगा अनिल भदौरिया ,दिवाकर पांडे ने जी भर के पीटा, पिटाई भी ऐसी कि लोगों की रूह कांप जाए। कहते हैं की पुलिस जुर्म कुबूल करवाने में कोई भी कोर कसर नहीं बरती है। और उसके लिए उसका डंडा हमेशा ऊंचा रहता है।

पुलिस की बर्बरता मुंशी से नहीं देखी गई

लेकिन पुलिस की बर्बरता इस कदर बढ़ी कि खुद थाने में मौजूद एक मुंशी से देखी नहीं गई और पुलिस की इस मार के आगे इस मुंशी ने मोर्चा खोल दिया मोर्चा भी किसी और के लिए नहीं बल्कि अपने ही महकमे में तैनात दो दरोगा अनिल भदौरिया व दिवाकर पांडे के खिलाफ। महकमे के खिलाफ खोले गए इस मोर्चे में एक थाने के अंदर पुलिस के दो फाड़ हो गए। ऐसा पहली बार सुनने में और देखने में आया है कि पुलिस की बर्बरता के खिलाफ खुद पुलिस महकमे के कर्मचारी ने ही आवाज बुलंद कर दी, देव राहट थाने में तैनात मुंशी रामकिशन इस समय अन्य पुलिसकर्मियों की आंख किरकिरी बने हुए हैं।

मुंशी ने दलित युवक की पिटाई का विरोध किया

थाने के मुंशी ने दरोगाओं की दलित युवक की बर्बरता से की जा रही पिटाई का विरोध करना इतना भारी पड़ गया कि थाने में तैनात दोनों दरोगाओं ने युवक को मारना छोड़ कर अपना सारा गुस्सा पिटाई का विरोध करने वाले थाने के मुंशी पर निकाल दिया।

दरोगा ने मुंशी को धमकी दी

बात इस कदर बढ़ गई की दरोगा जी गुस्से में आ गए और उन्होंने आनन-फानन में थाने के अंदर ही अपने ही साथी कर्मचारी के ऊपर सरकारी गन तान दी और जान से मारने की धमकी देकर इस मामले से किनारे रहने की बात बोल दी। महकमे में तैनात सहयोगी दरोगा की इस हरकत से मुंशी राम किशन इतने आहत हो गए कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से जनपद के उच्च अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी।

जिसके चलते जनपद के पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी मौके पर ही रात में थाने पहुंच गए और मामले की जांच शुरू कर दी जांच में एसपी केशव कुमार चौधरी ने थाने में तैनात दोनों दरोगाओं को दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

साथ ही दलित युवक की बेरहमी से हुई पिटाई के चलते दलित युवक की ओर से दी गई तहरीर पर दोनों दरोगाओं पर एस सी एस टी एक्ट के तहत मुकदमा लिखकर एफ आई आर दर्ज कर दी।

मुंशी राम किशन की तस्वीर

पहली बार खाकी-खाकी के विरोध में दिखाई दी

वैसे तो कई बार खाकी दागदार हुई है वर्दी पर कई तरह के इल्जाम भी लगे हैं। लेकिन ये पहला ऐसा मामला है। जिसमें खाकी के विरोध में खुद खाकी दिखाई दे रही है। पुलिस वालों की इस बर्बरता के खिलाफ एक्शन में भी खाकी है यानी जिले के कप्तान का फैसला ऑन द स्पॉट का प्लान भले ही पीड़ित और समाज को बेहतर पुलिस प्रणाली का संदेश दे रही हों लेकिन जनपद की पुलिस पर लगे आरोपों के दाग़ इस कार्यवाही से साफ होने वाले नहीं।

Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

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