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Mahashivratri 2022: कानपुर देहात के मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता, जल व दूध से अभिषेक के साथ भगवान शंकर की पूजा अर्चना

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का त्योहार मंगलवार को पूरे जिले में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। शिवालयों में दिन भर जल व दूध से अभिषेक के साथ भगवान शंकर की पूजा अर्चना की गई।

Manoj Singh
Report Manoj SinghPublished By Deepak Kumar
Published on: 1 March 2022 12:14 PM GMT
Maha Shivratri 2022 Heavy crowd of Devotees in temples of Kanpur Dehat on Shivratri
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कानपुर देहात के मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता

Mahashivratri 2022: कानपुर देहात महाशिवरात्रि का त्योहार मंगलवार को पूरे जिले में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। शिवालयों में दिनभर जल व दूध से अभिषेक के साथ भगवान शंकर की पूजा अर्चना की गई। रात में भजन कीर्तन व महाआरती का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने व्रत व उपवास रखकर शिवलिंग पर बिलपित्र,धतूरा आदि चढ़ा कर सुख व समृद्धि की कामना की। कस्बा सिकन्दरा के प्रसिद्ध कालेश्वर मंदिर, संतोषी माता मंदिर, पथवरियन मंदिर, काली माता मंदिर व पक्का तालाब मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

मंदिर में दिनभर धार्मिक अनुष्ठान चले: पुजारी

कालेश्वर मंदिर (Kaleshwar Temple) के प्रधान पुजारी ने बताया कि इस मौके पर मंदिर में दिनभर धार्मिक अनुष्ठान चले। वहीं, अन्य मंदिरों में दिन भर भजन कीर्तन होते रहे और भक्तों का आना जाना बना रहा। तहसील क्षेत्र के सिकन्दरा कस्बा (Sikandra town) समेत आसपास गांवों के शिवालयों में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर आकर्षक सजावट की गई। शिवमंदिरों में सुबह से शाम तक भक्तों की भीड़ रही तथा पूरा दिन पूजा पाठ व धार्मिक आयोजनों में बीता। बताते चलें कि महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है।

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि के आरम्भ में इसी दिन मध्यरात्रि में भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं। इसीलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा काल रात्रि कहा गया है। देश भर के कई स्थानों पर यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। साल में होने वाली बारह शिवरात्रिओं में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। कश्मीर शैव मत में इस त्योहार को हर रात्रि और बोलचाल में हेराथ या हेरथ भी जाता है।

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Deepak Kumar

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