×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Gorakhpur Police Hatyakand: किस कानून के तहत रात के समय पुलिस ने कमरे की तलाशी ली

Kanpur News: आज एक बार फिर सूबे का पुलिस महकमा समाज के सम्मुख कटघरे में खड़ा है। उसका कारण बनी गोरखपुर पुलिस की ईगो पूर्ण बर्बरता।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Shweta
Published on: 29 Sept 2021 11:30 PM IST
Kanpur businessman dies
X

कानपुर व्यापारी की मौत (फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

Gorakhpur Police Hatyakand: आज एक बार फिर सूबे का पुलिस महकमा समाज के सम्मुख कटघरे में खड़ा है। उसका कारण बनी गोरखपुर पुलिस (Gorakhpur Police) की ईगो पूर्ण बर्बरता। सीएम योगी के गृह जनपद की गोरखपुर पुलिस ने की बर्बरतापूर्ण कार्रवाही के कारण एक अबोध बच्चा असमय ही अनाथ हो गया और नारी वक्त से पहले विधवा के लिबास में गयी है।

रिटायर्ड आईपीएस का यक्ष प्रश्न


रिटायर्ड आईपीएस डॉक्टर एन सी अस्थाना ने आज समूची सरकार व पुलिस महकमें के सामने अपने एक ट्वीट के माध्यम से यह यक्ष प्रश्न खड़ा कर दिया है कि किस कानून के तहत पुलिस को यह अधिकार है रात के समय किसी होटल में किसी के कमरे में जबरदस्ती घुस जाए?उन्होंने अपने इस ट्वीट में यह साफ कहा कि यह बहाना नहीं चलेगा कि अपराधियों के होने की सूचना थी क्योकि कोई मिला नही।इस रिटायर्ड आईपीएस ने अपने इस ट्वीट में यह भी शंका जाहिर की है कि ऐसे तो कल किसी के घर मे भी घुस सकते हैं।उन्होंने बताया कि खड़क सिंह 1962 में स्पष्ट आदेश है कि ऐसा नहीं कर सकते हैं।


रिटायर्ड आईपीएस डा. एनसी अस्थाना ने अपने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि मैंने यहां किसी घटना विशेष पर टिप्पणी नहीं की है।देश की जनता को जानना चाहिए कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कैसे मानदंड दिए हैं।मुहम्मद सफी 1993 में तो प्राइवेसी के उल्लंघन में घर के बाहर भी पुलिस के खड़े रहने को निषेध किया गया है।इस रिटायर्ड आईपीएस ने जनता से निवेदन किया है माननीय सुप्रीम कोर्ट आदेशों का जिक्र सम्मान से करें,हताशा में अभद्रता न हो।हमारी बहुत सी आशाएं और भविष्य सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक न्यायपरता पर ही टिकी है।

इस ट्वीट से महकमे में मचा हड़कम्प

रिटायर्ड आईपीएस डॉ अस्थाना के इस ट्वीट के बाद गोरखपुर पुलिस ने यह जवाब अपने ट्वीट के माध्यम से दिया कि आरोपी सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। सवाल तो यह है कि उन्हें गिरफ्तार कर जेल क्यो नही भेजा गया अब तक?इस कांड में एक निर्दोष व्यापारी की जान चली गयी है।आरोप है कि उसकी हत्या होटल गयी पुलिस टीम ने की है।अब सूबे के डीजीपी नही बताएंगे कि आपकी कानून की किताब में क्या यही लिखा है कि हत्या के आरोपी खुले आम घूमेंगे।क्या आम आदमी के लिए कानून अलग है और आरोपी पुलिस कर्मियों के लिए कानून अलग है।वैसे हमारी माननीय न्यायालय तो यही कहती है कि कानून तो सब के लिए बराबर है।



\
Shweta

Shweta

Next Story