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GST Raid: 75 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़े जाने के बाद पान मसाला कारोबारियों में हड़कंप
मेरठ की जीएसटी की खुफिया टीम ने कानपुर में एसएनके कंपनी के यहां जब छापेमारी की तो ₹75 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया।
GST Raid: कानपुर में एसएनके पान मसाला कंपनी के मालिक के यहां जीएसटी का छापा पड़ने के बाद पूरे प्रदेश के पान मसाला निर्माताओं में खलबली मच गई है। टैक्स के मामले में हुई इस बड़ी छापेमारी के बाद कई मसाला व्यापारियों ने अपने दस्तावेजों को सही करना शुरू कर दिया है ।
उल्लेखनीय है कि मेरठ की एक टीम ने कानपुर मे कल एसएनके कंपनी के यहां जब छापेमारी की तो ₹75 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया। जीएसटी लागू होने के बाद अब तक किसी भी व्यवसाई के यहां कर चोरी का यह प्रदेश में सबसे बड़ा मामला सामने आया है ।
बताया जाता है कि एसएन के पान मसाला के मालिक नवीन कुरेले और निदेशक अविनाश मोदी मोदी को गिरफ्तार कर मेरठ ले जाने की तैयारी थी लेकिन उनका बीपी और और शुगर लेवल बढ़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जीएसटी की खुफिया इकाई की नजर थी एसएनके कंपनी पर
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले कई महीनों से एसएनके कंपनी पर जीएसटी की खुफिया इकाई लगातार अपनी पैनी निगाह रखे हुए थे ।इस पूरे प्रकरण में एक रणनीति के तहत ही इन दोनों धन्ना सेठों की गिरफ्तारी हुई है। बताते चलें एसएनके पान मसाला बनाने वाली कंपनी एजे सुगंधी प्राइवेट लिमिटेड केवल 7 साल पुरानी कंपनी है ।इसका रजिस्ट्रेशन 20 जून 1913 को कानपुर में हुआ था तथा कंपनी की शुरुआत केवल ₹5लाख रुपये से हुई थी । कंपनी की पॉलिसी के अनुसार इनका अधिकतर माल गांव देहातों में बेचा जाता था। पर धीरे-धीरे इसकी शहर में भी खपत बढ़ने लगी।
इस समय कानपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में यह नंबर एक ब्रांड माना जा रहा है । यह भी कहा जा रहा है कि लॉक डाउन के दौरान जब मसाले की आप और कहीं नहीं थी उस दौरान भी इस कंपनी ने अपने यहां गुपचुप उत्पादन कर प्रदेश की बाजार में अपना कब्जा कर लिया । इसका बाजार में 70 से 80% कब्जा है । जिसके कारण कई पुराने पान मसाला ब्रांड किनारे हो गए और उनके फैक्ट्रियां भी बंद होती गई। जीएसटी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि देशभर में बिक रहे मसाला कंपनियों को कच्चे माल की अधिकांश आपूर्ति यूफ्लेक्स कंपनी करती है ।
जीएसटी एक्ट की धारा 132 एक ए के तहत कार्रवाई
जीएसटी की खुफिया इकाई ने इस कंपनी द्वारा सप्लाई किए गए प्लास्टिक पैकिंग मैटेरियल का मिलान जब पान मसाला कंपनियों के कागजातों से किया तब उनमें काफी अंतर पाया गया। यानी कि माल की सप्लाई ज्यादा की गई और कंपनियों ने अपने कागजों में इसे कम दिखाया। इसी अंतर के चलते ₹75 करोड़ की जीएसटी में हेराफेरी पाई गई है । विभाग अभी इस तरह के और कारोबारियों का भी पता करने में जुटी हुई है । इसके बाद देशभर में मसाला कंपनियों के सबसे बड़े कानपुर में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई जीएसटी एक्ट की धारा 132 एक ए के तहत की गई है