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Kanpur Violence: क्या है PFI कनेक्शन, कैसे हुई घटना, अब तक क्या हुई कार्यवाई, जानें पांच बड़ी बातें

Kanpur Violence: कानपुर हिंसा का मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को पुलिस ने खोज निकाला है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के बाद से ही वह फरार चल रहा था।

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Written By aman
Published on: 4 Jun 2022 3:20 PM IST
Kanpur Violence: क्या है PFI कनेक्शन, कैसे हुई घटना, अब तक क्या हुई कार्यवाई, जानें पांच बड़ी बातें
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Kanpur Violence Master Mind And PFI Connection : उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में शुक्रवार (3 जून) को 'जुमे की नमाज' के बाद हिंसा भड़क गई। दो समुदायों के बीच जमकर पथराव हुआ। इस बाबत पुलिस ने बताया कि नमाज के बाद एक समुदाय सड़क पर उतरा और दुकानें बंद करवाने लगा। देखते ही देखते दूसरा समुदाय भी सामने आ गया। उन्होंने एक-दूसरे पर ईंटों और पत्थरों से जमकर पथराव किया। हालांकि, इस बवाल को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करने पड़ी। जबकि, उत्पातियों की ओर से भी बमबाजी की खबर आई।

पुलिस का कहना है कि अब हालात को संभाल लिया गया है। स्थिति नियंत्रण में हैं। इस मामले में अब तक 36 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने एफआईआर (FIR) में नामजद 36 तथा अज्ञात 450 लोगों पर केस दर्ज किया है। बता दें कि, ये माहौल उस वक्त बिगड़ा जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind), देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) कानपुर में ही थे। हालांकि, कानपुर हिंसा का मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) को पुलिस ने खोज निकाला है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के बाद से ही वह फरार चल रहा था।

CM योगी- बख्शेंगे नहीं, जब्त होगी संपत्ति

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस हिंसा को लेकर काफी गंभीर हैं। सीएम योगी ने कहा कि, 'किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।' योगी सरकार की तरफ से कहा गया कि हिंसा के आरोपियों की संपत्ति जब्त की जाएगी। साथ ही, गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जाएगा। प्रशासन को दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।


नूपुर शर्मा की टिप्पणी पर मचा बवाल

दरअसल, कानपुर के परेड चौराहे पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद साहब और उनकी पत्नी पर दिए विवादित टिप्पणी के विरोध में दुकानों को बंद कराया। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ। बवाल के दौरान सड़क पर काफी भीड़ जमा हो गई। हजारों लोग एक साथ सड़क पर उतर आए। हालात को काबू करने के लिए उस वक्त पर्याप्त पुलिस बल भी मौजूद नहीं था। जब उपद्रव बढ़ा तो करीब 12 थानों की पुलिस को मौके पर तैनात किया गया।

मिश्रित आबादी वाला इलाका है बेकनगंज

ज्ञात हो कि, जुमे की नमाज के बाद कानपुर के बेकनगंज इलाके में शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे बवाल शुरू हुआ। वहीं, यतीमखाना चौराहे के पास जमकर पथराव किया गया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं अचानक करीब हजार से ज्यादा लोग सड़कों पर उतर आए। मुस्लिम इलाकों में बंदी का आह्वान नेता हयात जफर हाशमी ने किया था।


जानकर भी क्यों अनजान बनी रही पुलिस?

सूत्र बताते हैं कि, आम लोगों को भड़काने का काम पहले से ही किया जा रहा था। बाजार बंदी का ऐलान करने के बाद एक पक्ष के बहुसंख्यक वाले इलाकों में लोगों ने पर्चे भी बांटना शुरू किया। लेकिन, स्थानीय खुफिया विभाग एलआईयू और पुलिस जानकर भी अंजान बनी रही। पुलिस भी इस कदर निश्चिंत थी कि जब बवाल शुरू हुआ तो सद्भावना पुलिस चौकी पर एक एसीपी‚ इंस्पेक्टर और 8-10 सिपाही ही मौजूद थे‚ जो हजारों की भीड़ नियंत्रित करने में पूरी तरह नाकाम रहे। भीड़ हिंसक होती चली गयी। बाद में भारी संख्या में पुलिस बल आने तक उन्मादियों के तेवर इतनी तल्ख हो चुकी थी, कि उसे काबू करने में पुलिस को 5 से 6 घंटे का समय लग गया। वह भी पूरी ताकत झोंकने के बाद।

कानपुर हिंसा की मुख्य बातें :

- कानपुर में भड़की हिंसा और बवाल के बाद अब तक 36 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, हिंसा के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने आदेश के बाद यूपी पुलिस आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की बात कह रही है। साथ ही, उनकी संपत्ति भी जब्त या ध्वस्त की जा सकती है।

- कानपुर हिंसा में अब तक एफआईआर (FIR) में नामजद 36 तथा अज्ञात करीब 450 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है। बता दें कि, पुलिस ने हिंसा में पेट्रोल बम (petrol bomb) और पत्थर से भीड़ के साथ जानलेवा हमले की बात कही है। इस हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के परवेज़ हयात (Parvez Hayat) का नाम भी आरोपियों में दर्ज है।


- वहीं, सूफी खानकाह एसोसिएशन (Sufi Khanqah Association) ने कानपुर हिंसा पर बड़ा बयान दिया है। एसोसिएशन का कहना है कि, इस हिंसा के पीछे PFI कनेक्शन है। सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कानपुर हिंसा की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। उनका आरोप है कि, पीएफआई ने स्थानीय अपराधियों की मदद से हिंसा फैलाई है।

- कन्हैया लाल नामक एक शख्स द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि उन्मादी भीड़ पथराव के साथ हिन्दू विरोधी नारे भी लगा रही थी। कन्हैया लाल ने कहा, नारे में हमलावर भीड़ कह रही थी, 'हिंदुओं को मार डालो ये सब काफिर हैं। बीजेपी-आरएसएस के एजेंट हैं।'


- कानपुर हिंसा का मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को पुलिस ने खोज निकाला है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के बाद से ही वह फरार चल रहा था। उसकी तलाश में कई टीमें लगी हुई थी। हिंसा के अगले ही दिन उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हयात जफर हाशमी पर ही साजिश कर हिंसा भड़काने का आरोप लगा है। पुलिस उसके रिश्तेदारों के घर भी दबिश डाल रही थी।

- कानपुर में कानून-व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने आईपीएस (IPS) अजयपाल शर्मा को विशेष रूप से भेजा है। जबकि, शहर के बिगड़े माहौल के मद्देनजर PAC के 1,320 जवान भी गश्त में लगाए गए हैं।

- कानपुर हिंसा में धर्म के नाम पर सामने आए दो गुटों के टकराव के बाद जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक सड़क पर हर तरफ पत्थर बिखरे मिले। बाजार बंद थे। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की जा चुकी थीं। पुलिस ने दंगाइयों को खदेड़ा तो लोग बस्ती और गलियों में जा छुपे। वहीं से पुलिस को भी निशाना बनाना शुरू किया। जिसमें कई पुलिसवाले जख्मी हो गए। इस दौरान दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा। शुक्रवार देर रात हालात पर पुलिस ने काबू पाया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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