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Mohd Iftikharuddin Case: आईएएस मो. इफ्तिखारुद्दीन मामले में एसआईटी ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी, कार्रवाई तय
Mohd Iftikharuddin Case : मो. इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ शुरू हुई एसआईटी की जांच पूरी होने के बाद अब शासन के पास पहुंच गयी है।
Mohd Iftikharuddin Case : पिछले महीने आईएएस अधिकारी मो. इफ्तिखारुद्दीन (IAS officer Mohd Iftikharuddin) के खिलाफ शुरू हुई एसआईटी की जांच (SIT Investigation) पूरी होने के बाद अब शासन के पास पहुंच गयी है। जिसके बाद शासन को इस पर अपना फैसला करना है। 550 पन्ने की रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया मो. इफ्तिखारुद्दीन को दोषी पाए जाने के बाद उन पर कार्रवाई होने की बात कही जा रही हे।
एसआईटी जांच में कई आपत्तिजनक साहित्य व वीडियो पाए जाने के बाद उसे रिपोर्ट के साथ अटैच किया गया है। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान मो. इफ्तिखारुद्दीन को धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की बातें कई वीडियो में सामने आई हैं। यह सारे वीडियो उस समय के हैं, जब वह कानपुर में मंडलायुक्त के पद पर कार्यरत थे। इसी बंगले में वह तकरीरे किया करते थे।
उल्लेखनीय है कि मो. इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो वायरल होने के बाद 28 सितंबर को शासन ने सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा (CBCID DG GL Meena) और एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर के नेतृत्व में जांच के लिए एसआईटी गठित की। इस दौरान 20 दिन चली जांच में करीब 70 वीडियो जांचें गए। उसी आधार पर एसआईटी ने उनको दोषी ठहराया है। रिपोर्ट में किसी अन्य एजेंसी से भी जांच कराने की बात कही गयी है। कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त और यूपीएसआरटीसी के अध्यक्ष इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो की जांच के दौरान एक नहीं दो नहीं बल्कि 65 वीडियो सामने आए हैं। जिनमें बॉलीवुड के खान बंधुओं से भी सम्बन्ध होने की बात सामने आ आई है। इन वीडियोज में इफ्तिखारुद्दीन को केवल हिन्दू धर्म परिवर्तन ही नहीं, बल्कि ईसाई धर्म की भी आलोचना करते हुए पाया गया है। इफ्तिखारुद्दीन को यह कहते हुए पाया गया है कि कुरान पूरी मानवता के लिए एक गाइडेंस है, बाकी सब बेकार है। इन वीडियोज में फिल्म अभिनेताओं को कोई पुस्तक देने की भी बात है।
बताया जाता है कि इफ्तिखारुद्दीन रविवार को इस्लाम का प्रचार करने के लिए अपने बंगले पर गैर इस्लामिक लोगों को बुलाने का काम करते थें। उनसे जुडे अशरफ ने बताया कि 2016 में उनके भाई का निकाह इफ्तिखारुद्दीन ने अपने बंगले पर करवाने के साथ ही उसका सारा खर्च भी उठाया था। अशरफ वही है जो इफ्तिखारुद्दीन के यहां नमाज पढाने आता था।
एक कर्मचारी ने एसआईटी को जांच के दौरान यह भी बताया कि मो इफ्तिखारुद्दीन को दूसरे धर्म से नफरत थी। वह पूरे विश्व में इस्लाम के प्रचार प्रसार की बात करते थें। वीडियो की जांच में कई चौकानेवाले तथ्य सामने आए। एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि अपने मंडलायुक्त के कार्यकाल के दौरान वह अक्सर कर्मचारियों से कहा करते थे कि मूर्ति पूजा खराब है। तुम लोग मूर्ति पूजा क्यों करते हो। एक अन्य वीडियो में कहा गया है कि '' हर घर में अल्लाह का दीन दाखिल होना है, करना भी चाहिए।
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कार्यकाल में सब कुछ बदल गया था । ना वहां पर कोई कर्मचारी पूजा पाठ कर सकता था और ना ही होली के रंगो अथवा दीपावली का त्यौहार मनाने की बात करता था। इसे लेकर तत्कालीन मंडलायुक्त इफ्तिखारुद्दीन ने कई बार कर्मचारियों को डांटा भी था।
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