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Raid in Kanpur: आयकर विभाग के निशाने पर है औद्योगिक नगर कानपुर, निशाने पर अब मयूर वनस्पति का मालिक
Raid in Kanpur: आयकर विभाग की एक टीम ने मशहूर मयूर वनस्पति (mayur vanaspati gst raid) के यहां छापा मार कर करोड़ों की सम्पत्ति के अवैध कागजात पकड़े।
Raid in Kanpur: इन दिनों उत्तर प्रदेश का औद्योगिक शहर कानपुर इन्कम टैक्स के निशाने पर है। आयकर विभाग की एक टीम ने मशहूर मयूर वनस्पति (mayur vanaspati gst raid) के यहां छापा मार कर करोड़ों की सम्पत्ति के अवैध कागजात पकड़े। देर रात तक चली पूछताछ के दौरान कम्पनी के मालिक (mayur group owner) सुनील गुप्ता (sunil gupta mayur group) अधिकारियों के सवालों का उत्तर नहीं दे सके। बताया गया है अभी भी पूछताछ जारी है। इसके पहले जुलाई महीने में ठेले खोमचे वालों के कागजातों की जांच में इन लोगों की करोड़ों की सम्पत्ति सामने आ चुकी है।
अभी तीन दिन पहले ही कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर (piyush jain kanpur raid) एवं कन्नौज के ठिकानों (piyush jain kannauj house) पर आयकर विभाग के अधिकारियों ने छापा मार कर लगभग 200 करोड़ की अवैध सम्पत्ति बरामद की है।
मंगलवार को देर शाम कानपुर में मयूर वनस्पति (mayur vanaspati kanpur) के मालिक सुनील गुप्ता के सिविल लाइन स्थित आवास पर अधिकारी देर शाम शाम पहुंचे और यहीं पर बने कार्यालय में सारे कागजातों को अपने कब्जे में कर लिया। इस दौरान जीएसटी में हेरफेर का मामला भी सामने आया है।
बता दें कि कलक्टरगंज स्थित कार्यालय मयूर वनस्पति को शाम छह बजे ही बंद हो गया था। जबकि वह रोजाना रात आठ बजे तक इसे बंद किया जाता है। यहां आने के पहले जीएसटी को लेकर अधिकारियों ने एक पान मसाला कारोबारी के यहां भी छापा मारा । उसकी भी जांच चल रही है।
इसके पहले इसी वर्ष जुलाई महीने में चाट और खस्ता बेचने वाले के जब कागजों की जां की गयी तो यह करोड़ों के मालिक निकले। इन व्यापारियों ने चार साल में करोड़ों रुपए की प्रापर्टी खरीद ली। ये संपत्तियां आर्यनगर, स्वरूप नगर, बिरहाना रोड, हूलागंज, पीरोड, गुमटी जैसे बेहद महंगे कामर्शियल इलाकों में खरीदी गईं।
बिना जीएसटी दिए आर्यनगर की दो, स्वरूप नगर की एक और बिरहाना रोड की दो पान दुकानों के मालिकों ने कोरोना काल में पांच करोड़ की प्रापर्टी खरीदी । मालरोड का खस्ते वाला अलग-अलग ठेलों पर हर महीने सवा लाख रुपए किराया दे रहा है। ऐसे ही स्वरूप नगर, हूलागंज के दो खस्ते वालों ने दो इमारतें खरीदीं। लालबंगला का एक और बेकनगंज के दो कबाड़ियों ने दो वर्ष में तीन संपत्तियां खरीदी हैं, जिनकी बाजार कीमत करोडों रुपए बताई गयी है।