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Kanpur Violence: कानपुर में हुआ बवाल, पुलिस व खुफिया एजेंसी की नाकामी और लापरवाही का नतीजा

Kanpur Violence: बाजार बंदी का ऐलान करने के बाद एक पक्ष के बहुसंख्यक वाले इलाकों में लोगों ने पर्चे भी बांटना शुरू किया। लेकिन, स्थानीय खुफिया विभाग एलआईयू और पुलिस जानकर भी अंजान बनी रही।

Avanish Kumar
Published on: 4 Jun 2022 12:14 PM IST (Updated on: 4 Jun 2022 12:55 PM IST)
Kanpur Violence failure and negligence of up police intelligence agency
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Kanpur Violence (File Photo) 

Kanpur Violence : कानपुर में हुए बवाल ने खुफिया एजेंसी एलआईयू व पुलिस की सतर्कता की पोल खोल कर रख दी। पुलिस और खुफिया एजेंसी एलआईयू की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है। प्रत्यक्षदर्शियों व सूत्र बताते हैं कि कानपुर के बेकनगंज में जो बवाल हुआ। उसकी पटकथा तीन दिन से लिखी जा रही थी। जिसके चलते नई सड़क (Nai Sadak)‚ पेंचबाग (Pech Bagh)‚ चमनगंज (Chamanganj)‚ बेकनगंज (Becon Ganj) और उससे सटे इलाकों में बंदी व प्रदर्शन को लेकर जगह-जगह पोस्टर लगाए जा रहे थे।

जानकर भी क्यों अनजान बनी रही पुलिस?

आम लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा था। बाजार बंदी का ऐलान करने के बाद एक पक्ष के बहुसंख्यक वाले इलाकों में लोगों ने पर्चे भी बांटना शुरू किया। लेकिन, स्थानीय खुफिया विभाग एलआईयू और पुलिस जानकर भी अंजान बनी रही। पुलिस भी इस कदर निश्चिंत थी कि जब बवाल शुरू हुआ तो सद्भावना पुलिस चौकी पर एक एसीपी‚ इंस्पेक्टर और 8-10 सिपाही ही मौजूद थे‚ जो हजारों की भीड़ नियंत्रित करने में पूरी तरह नाकाम रहे। भीड़ हिंसक होती चली गयी। बाद में भारी संख्या में पुलिस बल आने तक उन्मादियों के तेवर इतनी तल्ख हो चुकी थी, कि उसे काबू करने में पुलिस को 5 से 6 घंटे का समय लग गया। वह भी पूरी ताकत झोंकने के बाद।


पुलिस से हुई चूक

कानपुर के बेगमगंज की नई सड़क पर हुए बवाल को क्षेत्रीय लोग पूर्व नियोजित बता रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदर्शन व बंदी की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। इलाके में पोस्टर आदि लगाए जा रहे थे, बावजूद पुलिस और खुफिया एजेंसी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। इलाके के लोगों का कहना है कि कई बार पोस्टर की फोटो तक सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी। फिर भी पुलिस अनजान बनी बैठी रही। शुक्रवार को हुए बवाल के बाद क्षेत्रीय लोग जहां आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं पुलिस व खुफिया एजेंसी को भी दोषी मान रहे हैं। कह रहे हैं समय रहते सतर्क हो जाते तो शायद इतना बड़ा बवाल ना होता और शहर में अमन शांति कायम रहती थी।


पहले ही दे दी थी रिपोर्ट

कानपुर में हुए बवाल के बाद जहां क्षेत्रीय लोग पुलिस व खुफिया एजेंसी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, खुफिया एजेंसी एलआईयू के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि विभाग के द्वारा पहले ही रिपोर्ट बनाकर दी गई थी। बवाल की आशंका जताई गई थी। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया था, किस शहर के अमन को बिगाड़ने की तैयारी कुछ अराजक तत्वों द्वारा की जा रही है। जिस पर कड़ाई से कार्यवाही करना अति आवश्यक है। वहीं, एक अधिकारी ने यह भी बताया कि रिपोर्ट देना एलआईयू काम है। बाकी फैसले पुलिस विभाग व उच्च अधिकारियों के होते हैं।





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aman

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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