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Kanpur News: आनंदेश्वर महादेव मंदिर में महंत हरिगिरि के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए अधिवक्ताओं की पूजा

वकीलों ने आनंदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर शिवलिंग पर फल, फूल, दूध, शहद अर्पित किया।

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 21 July 2021 4:20 PM IST (Updated on: 21 July 2021 4:22 PM IST)
Anandeshwar Mahadev Mandir
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आनंदेश्वर महादेव मंदिर पूजा अर्चना करते अधिवक्ता

Kanpur News: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्रीशचंद्र मेहरोत्रा और कानपुर बार के महामंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह, वकील अनुराग पांडेय सहित कई स्थानीय वकीलों ने आनंदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर शिवलिंग पर फल, फूल दूध, शहद अर्पित किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरिगिरि बीमारी के कारण देहरादून के जॉली ग्रांट हॉस्पिटल में भर्ती हैं।

उन्होंने आज आनंदेस्वर महादेव की पूजा अर्चना कर अपने गुरु महंत हरिगिरि के जल्द स्वस्थ्य लाभ मिलने की कामना की है। मंदिर में जूना अखाड़े के संतों ने विधिवत पूजा, आरती कराकर अतिथियों को अंगवस्त्र, माला, प्रसाद भेंट किया। इस मौके पर अष्टकौशल महंत युग आनंद गिरि महाराज, महंत इच्छा गिरी महाराज, कोठारी महंत लाल भारती, महंत अरुण भारती महाराज, थानापति विवेक पुरी महाराज, थानापति महंत दिपेश्वर गिरी, महंत दशरथ गिरी, महंत हरिओम पुरी आदि मौजूद रहे।


गौरतलब है कि आनंदेश्वर मंदिर अपने आप में महाभारत काल का इतिहास समेटे हुए है। मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां पर कर्ण ने भी पूजा की थी। कर्ण को ही सिर्फ इस बात का पता थाकि यहां पर भगवान शिव का शिवलिंग है। कथाओं के मुताबिक कर्ण गंगा में स्नानं करने के बाद गुपचुप तरीके से यहां आकर पूजा करते थे। पूजा अर्चना करने के बाद वह अदृश्य हो जाते थे। लेकिन एकबार एक गाय ने कर्ण को पूजा करते देख लिया था। गाय जब उस स्थान पर पहुंची तो उसके थन से दूध अपने आप निकलने लगा।


इसके बाद से गाय का मालिक जब दूध निकालने बैठे तो गाय के थन से दूध ही न निकले। वह काफी परेशान हो गया। इसके बाद उसने गाय पर नजर रखना शुरू किया। गाय का पीछा करते हुए वह उस स्थान पर पहुंच गया जहां गाय के पहुंचते ही उसके थन से दूध अपने आप निकल रहा था। यह दृश्य देखा तो वह हैरान रह गया। उसने यह बात गांव वालों को बताई। वहीं से यह स्थान अस्तित्व में आ गया।

Raghvendra Prasad Mishra

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