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Unnao News: भीम आर्मी चीफ चंद्रेशेखर आजाद ने उन्नाव पीड़िता के परिजनों से की मुलाकात, CBI जांच की मांग की,

परिजनों से मिलने के बाद उन्नाव के जिलाधिकारी और एसपी से मुलाकात कर फास्ट ट्रैक में मुकदमा ट्रायल कराकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाए जाने की बात कही है।

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Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 18 Feb 2022 6:38 PM IST
Unnao News
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पीड़ित परिजनों से मुलाकात करते चंद्रशेखर आजाद 

Unnao News: आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और भीम आर्मी चीफ चंद्रेशेखर आजाद (Chandreshekhar Azad) ने उन्नाव जिले में देर रात दलित मृतक युवती के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकता की। भीम आर्मी चीफ ने परिजनों से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

परिजनों से मिलने के बाद उन्नाव के जिलाधिकारी और एसपी से मुलाकात कर फास्ट ट्रैक में मुकदमा ट्रायल कराकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाए जाने की बात कही है। चंद्रशेखर आजाद ने पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले दरोगा और एसएचओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग एसपी और डीएम से की है। इसके साथ ही चंद्रशेखर आजाद ने पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से 25 लाख रुपए की मदद किए जाने की मांग की है।

यह पूरा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र की कांशीराम कॉलोनी में रहने वाली एक दलित युवती का 10 फरवरी को सपा नेता फतेह बहादुर के दिव्यानंद आश्रम के पास खाली पड़े प्लाट में 4 फीट गहरे गड्डे में दफनाया हुआ शव बरामद हुआ। पूर्व राज्य मंत्री के बेटे रजोल सिंह पर दलित युवती का अपहरण कर हत्या किए जाने का आरोप मृतक युवती के परिजनों ने लगाया है। वहीं युवती के परिजनों ने रेप का आरोप भी लगा रहे हैं।

युवती की मौत के बाद अलग अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने परिजनों से मुलाकात की। कांग्रेस के बाद आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने दलित परिजनों का हितैफी बनकर उनके घर पहुंचे थे। गुरुवार रात करीब 9 बजे भीम आर्मी चीप ने मृतक युवती के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे। भीम आर्मी चीफ ने परिजनों से करीब 1 घंटे तक मामले की पूरी जानकारी ली और परिवार को हर संभव मदद का भरोसा जताया।

पीड़ित परिजनों से मुलाकात करते चंद्रशेखर आजाद

समय पर एफआईआर दर्ज हुई होती तो बच्ची हमारे बीच होती- चंद्रशेखर आजाद

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि परिवार के आंसू अभी नहीं सूखे हैं और जितने भी घटना में जिम्मेदार आरोपी हैं वो हैं, उतने हैं एसएचओ और दरोगा भी हैं, जिन्होंने न्याय को प्रभावित किया और जिसकी वजह से देरी हुई। बच्चे की गुमशुदगी की जो रिपोर्ट लिखी जाती है वह भी नहीं पुलिस के द्वारा दर्ज की गई। परिजन अपहरण की रिपोर्ट मांग कर रहे थे, लेकिन वो भी दर्ज नहीं की गई। अगर वह समय से दर्ज हो जाती और आरोपी पर कार्रवाई हो जाती तो मुझे लगता है कि आज वह बच्ची हमारे बीच जिंदा होती।

मामले की सीबीआई जांच की मांग की

आजाद ने आगे कहा हम प्रयास करेंगे की जो कार्रवाई हो चुकी है, उसमें निगरानी रखी जाए और क्योंकि इसमें अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं तो हमारी मांग है कि इस घटना की सीबीआई जांच हो क्योंकि 62 दिन एक बच्ची गायब रही और फिर पुलिस का उसमें इस तरह का व्यवहार यानी इसमे बड़े लोग शामिल हैं। औऱ अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं, इन सभी दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिख कर जेल भेज देना चाहिए।



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Divyanshu Rao

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