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Atiq Ahmad: अतीक के नाम से गीली हो जाती थी लोगों की पतलून, खुद जी रहा था दहशत में
Mafia Atiq Ahmad- अतीक का एक बेटा असद पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। उसका बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में और दूसरे नंबर का बेटा अली नैनी जेल में बंद है। चौथे और पांचवें नंबर के दोनों नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह राजरूपपुर में हैं। पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है, जिसे पुलिस शिद्दत से तलाश रही है। शनिवार देर रात उसका मर्डर कर दिया जाता है।
Mafia Atiq Ahmad- उत्तर प्रदेश का वह माफिया आज थर-थर कांप रहा है, जिसके नाम से कभी लोगों की पतलून गीली हो जाती थी। आज वह खौफ के मारे मरा जा रहा है। जेल की चारदीवारी के भीतर से ही जो किसी की भी सुपारी लेकर उसका काम तमाम करवा देता था, अब पुलिस चुन-चुनकर उसके गैंग का सफाया कर रही है। हम बात कर रहे हैं प्रयागराज के दुर्दांत माफिया अतीक अहमद की, जो इन दिनों किये गुनाहों की सजा भुगत रहा था। शनिवार को प्रयागराज में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को गोलियों से भून दिया गया।
अतीक का एक बेटा असद पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। उसका बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में और दूसरे नंबर का बेटा अली नैनी जेल में बंद है। चौथे और पांचवें नंबर के दोनों नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह राजरूपपुर में हैं। पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है, जिसे पुलिस शिद्दत से तलाश रही है।
माफिया अतीक अहमद अपने बेटे असद के एनकाउंटर के बाद से सदमे में था। कभी वह पुलिसवालों को गीदड़भभकी देता था तो कभी खुद गिड़गिड़ाता था। पेशी के दौरान पत्रकारों से चीख-चीखकर कहता था, "मैं अब मिट्टी में मिल चुका हूं। माफियागिरी भी खत्म हो गई है। अब तो बस रगड़ा जा रहा है। मैं सरकार और पुलिस से निवेदन करता हूं कि मेरे बच्चे और परिवार की औरतों को परेशान न करें...।"
माफिया रोया और भड़क भी...
बेटे की मौत की खबर सुनकर वह फूट-फूटकर रोया भी। कहा था कि आज मेरी वजह से यह सब हो रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल मर्डर केस में असद का रोल पूछने पर वह भड़का भी और मूंछों पर ताव देते हुए कहा, "मारने के बाद रोल क्यों पूछते हो? अगर जिंदा रहा तो इंतकाम लूंगा।"
आईएसआई और लश्कर से भी रिश्ते
दरअसल, अतीक का स्वभाव ऐसा ही था, उसने अभी तक किसी को कुछ नहीं समझा। कथित राजनीतिक संरक्षण में काला साम्राज्य और उसका खौफ बढ़ता चला गया। इस दौरान विधायक और सांसद भी बना। उसके खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं लेकिन उसके रसूख के चलते इससे पहले कभी पुलिस को उसकी रिमांड ही नहीं मिली, जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है, आईएसआई और लश्कर से भी उसके रिश्ते हैं। करीब चार दशक तक वह प्रयागराज समेत पूर्वांचल के कई जिलों में आंतक का पर्याय बना रहा। वह न केवल अपने प्रतिद्वंदियों को बल्कि गवाहों तक को खत्म कर देता था। ताजा मामला उमेश पाल हत्याकांड का है।
बेखौफ था माफिया और उसके गुर्गे
साल 2005 में राजू पाल ने अतीक को राजनीतिक चुनौती देते हुए जीत दर्ज की थी। इसके बाद माफिया के गुर्गों ने कार में ही राजूपाल को गोलियों से छलनी कर दिया। इतना ही नहीं हत्यारों ने अस्पताल ले जाते वक्त दोबारा उन पर गोलियां बरसाकर अपने दुस्साहस का परिचय दिया था। पहली बार अतीक के खिलाफ कोई गवाह बना और यह था उमेश पाल। लेकिन, जेल में रहते हुए ही माफिया ने दिनदहाड़े उसे भी मरवा दिया। इस हत्याकांड में उसका बेटा असद भी शामिल था जिसने उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मियों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। बेखौफ इतना कि उसने चेहरा तक ढकना जरूरी नहीं समझा।
अब ऊंट आया पहाड़ के नीचे...
लेकिन, अतीक पर अब, 'ऊंट आया पहाड़ के नीचे' जैसी कहावत सटीक बैठ रही है। कभी दूसरों को डराने वाला आज खुद पैंट गीली कर दे रहा है। यह हुआ उस वक्त जब अतीक के सुराग पर पुलिस प्रयागराज के सैयद सरावां गांव पहुंची थी। रास्ते में डर के मारे उसकी हालत पतली हो गई और माफिया ने पैंट खराब दी, जिसे पुलिस ने क्षेत्र के पूरामुफ्ती थाने में बदलवाई।
"माफिया को मिट्टी में मिला देंगे"
फिलहाल, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा में जो डॉयलाग है, वह है 'माफिया को मिट्टी में मिला देंगे'। एक महीने पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में अतीक अहमद का नाम लेते हुए कहा था कि इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। इसके बाद से अतीक के काले साम्राज्य को ध्वस्त करने के लिए पुलिस जी-जान से जुट गई और नतीजा सबके सामने है। असद के एनकाउंटर के बाद योगी का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल किया जाने लगा।
सपा ने पूछा- इन अपराधियों पर कार्रवाई कब?
बीजेपी का दावा है कि योगी सरकार बिना किसी भेदभाव के अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है। सपा और बसपा सहित कई दलों के नेताओं ने असद के एनकाउंटर पर सवाल उठाये हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी ने तो बाकायदा अपराधियों की एक सूची जारी की है, जिसमें उनके नाम और उन पर दर्ज मुकदमों का भी जिक्र है। समाजवादी पार्टी की तरफ से किये गये ट्वीट में कहा गया है, "ये सब क्या योगी जी के खासमखास हैं? दरअसल, ये सब योगी जी के सजातीय हैं।"