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Magh Mela 2023: माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज में श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी, आज 5 वा स्नान पर्व
Magh Mela 2023: त्रिवेणी के तट पर लगे देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले 'माघ मेले' का आज पांचवा स्नान पर्व है। माघी पूर्णिमा के मौके पर एक बार फिर से संगम के तट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिल रहा है।
Magh Mela 2023: त्रिवेणी के तट पर लगे देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले 'माघ मेले' का आज पांचवा स्नान पर्व है। माघी पूर्णिमा के मौके पर एक बार फिर से संगम के तट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिल रहा है। एक महीने तक चलने वाले कल्पवास का आज समापन माघ पूर्णिमा स्नान पर्व से हो गया है। हालांकि कुछ श्रद्धालु परसो त्रिजटा स्नान पर्व तक कल्पवास करेंगे।
माघी पूर्णिमा का स्नान पर्व
माघ पूर्णिमा स्नान पर्व माघ मेले का पांचवा स्नान पर्व है और आज के दिन भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ कल्पवास भी माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ खत्म होता है इसीलिए स्नान पर्व को कल्पवासियों का स्नान पर्व भी कहा जाता है। आज के दिन का महत्व यह भी है कि आज के दिन भगवान विष्णु भी गंगा में अदृश्य रूप से स्नान करते हैं और जितने भी श्रद्धालु आज आस्था की डुबकी लगाते हैं उनको वो आशीर्वाद देते हैं और सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना भी पूर्ण होती है। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रधालुओं ने संगम के तट पर मोक्ष की कामना से आस्था की डुबकी लगा रहे है और अगले साल फिर से इस रेती पर आने का संकल्प भी ले रहे है।
त्रिवेणी पर कल्पवास
आज के माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही श्रधालुओं का एक महीने का कल्पवास का संकल्प भी पूरा हो गया। 44 दिनों तक माघ मेले में पडने वाले अब तक पाच प्रमुख स्नानों में करोडों श्रधालुओं ने आस्था की डुबकी लगाईं है। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की जो भी भक्त एक महीने गंगा यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में कल्पवास करता है उसके कई जन्मों के पाप धुल जाते है और वो मोक्ष पाता है साथ ही उसे कई अस्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है साथ ही त्रिवेणी मे स्नान करने से भक्तओ को मोक्ष की प्राप्ति होती है। सुबह से श्राद्धालुओ का जनसैलाब देखने को मिला, श्रद्धालु स्नान के बाद दान भी दे रहे है।
माघ मेले का आखरी स्नान
देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं का कहना है। अधिकारियों ने कड़ी मेहनत करके माघ मेले को अब तक सफल बनाया है। और आज भी सुरक्षा को लेकर के चाक चौबंद बंदोबस्त किए गए हैं। स्नान घाट पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है और महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की भी सुविधा है बेहतर है। माघ मेले का आखरी स्नान पर्व 18 फ़रवरी को महाशिवरात्रि का है जिसके बाद माघ मेले का समापन हो जाएगा ।44 दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक मेले में छह सनान पर्व होते हैं , इसी कड़ी में आज पांचवा स्नान पर्व माघी पूर्णिमा का है जो सकुशल संपन्न हो रहा है।