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Magh Mela 2023: मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर रोडवेज करेगा 2800 बसों का संचालन, कई स्पेशल ट्रेनों भी चलेंगी
Magh Mela 2023: 21 जनवरी को मौनी अमावस्या का सबसे बड़ा स्नान पर्व है और ऐसे में प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि इस बार भी एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम तट पर आएंगे ।
Magh Mela 2023: त्रिवेणी के तट पर लगे देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले की शुरुआत 6 जनवरी से हो गई है। पौष पूर्णिमा और मकर सक्रांति स्नान पर्व सकुशल संपन्न भी हो गया है। ऐसे में 21 जनवरी को मौनी अमावस्या का सबसे बड़ा स्नान पर्व है और ऐसे में प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि इस बार भी एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम तट पर आएंगे और आस्था की डुबकी लगाएंगे ।
इसी क्रम में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए रोडवेज और रेलवे विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। प्रयागराज मंडल के रोडवेज विभाग की बात करें तो मौनी अमावस्या के दिन 28 सौ बसों का संचालन किया जाएगा। आरएम एमके त्रिवेदी ने बताया कि अबकी बार के माघ मेले में पहली बार मौनी अमावस्या के लिए कई कर्मचारियों की तैनाती विभिन्न बस अड्डे के आसपास लगाई गई है। यह कर्मचारी श्रद्धालुओं के लिए गाइड का काम करेंगे। जो भी अन्य राज्यों से या जिलों से श्रद्धालु आ रहे हैं उनको किधर जाना है या आखिर उनकी बस कहां से मिलेगी इसके बारे में बताएंगे ।
एम के त्रिवेदी ने बताया कि सभी कर्मचारी जो गाइड का काम करेंगे वह पीले रंग की रोडवेज की जैकेट पहने रहेंगे ताकि श्रद्धालुओं को पता चल सके कि यह रोडवेज के कर्मचारी हैं और उनकी मदद के लिए तैनात किए गए हैं। इसी तरह यात्रियों की संख्या को देखते हुए बसों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा।
मौनी अमावस्या स्नान पर्व के लिए रेलवे विभाग की तैयारी
उधर रेलवे विभाग ने भी मौनी अमावस्या स्नान पर्व को लेकर के कई तैयारियां की हैं। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ हेमंत शेखर उपाध्याय का कहना है कि स्टेशन परिसर में सुरक्षा को देखते हुए आरपीएफ के जवानों की संख्या में इजाफा किया गया है। यात्रियों को ठहराने के लिए बाड़ों की सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। इसके साथ ही साथ हर ट्रेनों में अतिरिक्त बोगी भी लगाई गई है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कई स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जाएगा ताकि किसी भी श्रद्धालुओं को कोई भी समस्या ना हो।
उन्होंने बताया कि सरकार 2023 के माघ मेले को कुंभ के रिहर्सल के तौर पर पेश कर रही है जिसको देखते हुए सभी को कड़ी हिदायत दी गई है, किसी तरह की कोई चूक ना हो । गौरतलब है कि माघ मेले का सबसे प्रमुख स्नान मौनी अमावस्या का रहता है और ठीक 4 दिन के बाद बसंत पंचमी का स्नान पर्व है। ऐसे में आने वाले कुछ दिन प्रयागराज प्रशासन के लिए बेहद अहम होने वाले हैं क्योंकि करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे और उनकी सुरक्षा एक अहम जिम्मेदारी भी हो जाएगी।