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Magh Mela 2023: सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, जानिए कैसी होगी व्यवस्था
Magh Mela 2023 in Prayagraj: संगम नगरी प्रयागराज माघ मेले को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने की कवायद की जा रही है। माघ मेले का पहला स्नान पर्व 6 जनवरी को है।
Magh Mela 2022: संगम नगरी प्रयागराज माघ मेले (Magh Mela 2023) को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। मेले की सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने की कवायद की जा रही है। माघ मेले का पहला स्नान पर्व 6 जनवरी (first bath festival 6 january) को है, जब लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर इस बार बेहद खास इंतजाम किए गए हैं। मेला क्षेत्र में 13 पुलिस थानों के साथ ही 36 पुलिस चौकियों के निर्माण किए गए हैं। जिसमें थानाध्यक्षों की तैनाती अभी से कर दी गई है।
पूरे माघ मेला क्षेत्र में 6 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती का खाका तैयार किया गया है। जिसमें जल पुलिस के साथ ही पीएसी, आरएएफ और सिविल पुलिस के जवान मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे। इसके अलावा एसटीएफ और एटीएस के कमांडो भी मेला क्षेत्र में तैनात रहेंगे। साथ ही तीसरी नजर से भी मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी। जिसमें सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के जरिए मेला क्षेत्र की व्यवस्था को दुरुस्त करने का इंतजाम किया जा रहा है। स्नान घाटों पर प्रशिक्षित जल पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। डीप वाटर बैरिकेडिंग की जाएगी। ताकि तेज बहाव के चलते स्नानार्थियों को किसी तरीके की दिक्कत ना आए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ मेला 2023 को लेकर दिए निर्देश
दरअसल सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने माघ मेला 2023 को बेहद खास बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। जिसमें सुरक्षा के लिहाज से सभी चाक चौबंद इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि दूर दराज से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरीके की असुविधा न होने पाए। मेले में कोई अवांछनीय तत्व अपने नापाक मंसूबों को कामयाब न कर सके। इसके सभी तरह जरूरी तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं। लिहाजा मेला प्राधिकरण भी इस बार की सुरक्षा को बेहद ख़ास बनाने के लिए हर जरूरी प्रयास कर रहा है।
माघ मेले का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा 6 जनवरी को
बता दें कि संगम की रेती पर हर साल माघ मेला लगता है। जिसमें देश और दुनिया भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं। हजारों की संख्या में ऐसे श्रद्धालु भी हैं, यहीं मेला क्षेत्र में ही रहकर एक महीने का कल्पवास भी करते हैं। लिहाजा उनमें असुरक्षा की भावना न होने पाए, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश शासन स्तर से दिए गए हैं। गौरतलब है कि माघ मेले का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा 6 जनवरी को है। दूसरा स्नान पर्व मकर संक्रांति-14 या 15 जनवरी को होगा। जबकि तीसरा एवं प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या 21 जनवरी को है। वहीं चौथा स्नान पर्व माघी पूर्णिमा 5 फरवरी और माघ मेले का अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि 18 फरवरी को है।