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Mahakumbh 2025 Special: इस महाकुंभ में कैदियों को भी मिल रहा सकारात्मक योगदान का मौका, जानिए कैसे

Mahakumbh 2025 Special Report: अलीगढ़ जिला कारागार में बंद कैदी भी इस बार महाकुंभ में अपना योगदान देने वाले हैं। यहां के कैदी खास ताले तैयार कर रहे हैं, जिन्हें महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 31 Dec 2024 4:45 PM IST
Mahakumbh 2025: इस महाकुंभ में कैदियों को भी मिल रहा सकारात्मक योगदान का मौका, जानिए कैसे
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Mahakumbh 2025 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Maha Kumbh 2025: इस बार का महाकुंभ (Maha Kumbh) बहुत खास होने वाला है। जहां देश दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु और साधु संत मोक्ष पाने की इच्छा के साथ संगम तट पर एक आस्था की डुबकी लगाने के उद्देश्य से एकत्रित हो रहे हैं। वहीं, इस बार कुंभ में देश और दुनिया में अपने ताले और तालीम के लिए प्रसिद्ध अलीगढ़ अब एक नई पहचान बनाने जा रहा है। यही वजह है कि अलीगढ़ जिला कारागार (Aligarh District Jail) में बंद कैदी भी इस बार महाकुंभ में अपने स्वल्प योगदान के लिए उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। इसी प्रेरणा के साथ ताला बनाने के काम में जुट गए हैं। आइए जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी।

महाकुंभ में उपयोग के लिए भेजे जाएंगे जिला कारागार में बने ताले

अलीगढ़ जेल (Aligarh Jail) में कैदियों द्वारा तैयार किए जा रहे देश विदेश में प्रसिद्ध अलीगढ़ी ताले (Aligarh Ke Taale) इस बार प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh) में उपयोग के लिए भेजे जाएंगे।


जिन्हें कुंभ मेले (Kumbh Mela) की यात्रा करने गए लोग खरीदकर अपने साथ लेकर भी आ सकते हैं। जिला कारागार में रोजाना लगभग 1200 ताले बनाए जा रहे हैं। जिन्हें महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा।

लकड़ी से निर्मित आध्यात्मिक वस्तुएं भी होंगी आकर्षण का केंद्र

महाकुंभ में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जहां कैदियों को भी इस आस्था के संगम में अपरोक्ष तौर पर अपना योगदान देने का अवसर हासिल हो रहा है। अलीगढ़ जेल में कैदियों द्वारा तैयार किए जा रहे खास तालों के अलावा कई कलात्मक वस्तुओं को भी कुंभ मेला स्थल पर बिक्री हेतु प्रदर्शित किया जाएगा, साथ-साथ लकड़ी की आध्यात्मिक वस्तुएं भी बनाई जा रही हैं।


जिला प्रशासन की पहल से खासकर कुंभ के मौके पर कैदियों को अपनी कला और कौशल को निखारने का मौका भी मिलेगा। इस तरह से वे अपने लिए इस हुनर से कुछ आय भी अर्जित करने में सक्षम हो सकेंगे। अलीगढ़ जेल के अधीक्षक विजेंद्र सिंह यादव (Vijendra Singh Yadav) के मुताबिक, इस बार महाकुंभ के आयोजन में जेल विभाग का एक स्टॉल लगाया जाएगा, जहां कैदियों द्वारा निर्मित ताले और लकड़ी से बने विभिन्न सामान की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।

अलीगढ़ जिला कारागार की स्टाल पर इन वस्तुओं को खरीद सकते हैं श्रृद्धालु

कुंभ मेला स्थल पर अलीगढ़ जिला कारागार के स्टाल पर प्रदर्शन और बिक्री के लिए कैदियों की ओर से विभिन्न प्रकार के सामान बनाए जा रहे हैं, इनमें लकड़ी से निर्मित शिवलिंग, ओम, गदा और ऐसे ही अन्य धार्मिक प्रतीक इस संग्रह में शामिल होंगे। जिनमें बच्चों के पहनने के लिए धार्मिक प्रतीक के साथ छोटे-छोटे लॉकेट, लकड़ी के खिलौने व लकड़ी से बनी आकर्षक सजावटी वस्तुएं भी इसमें शामिल हैं। जिन्हें इससे पहले अलीगढ़ में लगने वाली नुमाइश में भी रखा जा चुका है।

वर्तमान समय में इन सारी वस्तुओं के महाकुंभ के पावन पर्व पर जिला कारागार अलीगढ़ द्वारा कारागार विभाग के स्टाल पर इनको स्थापित किया जाएगा, ताकि कारागार में बंदियों के उत्साह वर्धन के लिए उनके हुनर का प्रचार प्रसार किया जा सके। साथ ही साथ इस तरह के सकारात्मक प्रयासों से बंदियों में नैतिक और आध्यात्मिक विकास की अलख जगाकर उन्हें सुधार की दिशा में अग्रसर किया जा सके।

बंदियों को मिल रहा सुधार का बेहतरीन मौका

जिला कारागार अलीगढ़ के बंदियों द्वारा हस्तनिर्मित वस्तुओं को कुंभ में प्रदर्शित किए जाने के फैसले को लेकर अलीगढ़ कारागार में बंद एक कैदी का कहना है कि, जो अलीगढ़ के ताले फेमस हैं, उनका निर्माण जिला कारागार अलीगढ़ में हम बंदी भाइयों द्वारा करवाया जा रहा है। हम लोगों के लिए बड़ी गर्व की बात है कि इस बार उन तालों को ऐसी पवित्र जगह पर रखा जाएगा और साथ ही आध्यात्मिक लकड़ी के चिन्ह भी वहां सजावटी रूप में रखे जाएंगे।



इस बंदी ने यह बात भी कही कि जब से मैं इस बंदी गृह में आया हूं मैं यहां पर देखता हूं कि सभी हमारे प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयासों द्वारा यहां पर एक कारखाना लगाया गया है। जहां सालों से जेल में बंदियों द्वारा निर्मित ताले बनवाकर भेजे जा रहे हैं। इस बार पहला मौका है, जब कुंभ प्रयागराज में भी ताले जाएंगे। इससे हमारे जिले का नाम रोशन होगा। जो बंदी भाई यहां पर काम सीखते हैं और फिर बाहर निकल जाते हैं, ऐसे भाइयों को आगे रोजगार हासिल करने में इस तरह का बंदी गृह में सीखा हुआ हुनर काफी मददगार साबित हो रहा है।

यह है कारागार विभाग का इस खास पहल के पीछे का मूल उद्देश्य

बंदी गृह के कैदियों द्वारा निर्मित वस्तुओं में आकर्षक तरीके से तैयार की गईं छोटी मालाएं, लॉकेट, छोटे आध्यात्मिक प्रतीक, लकड़ी की सजावटी वस्तुओं और अलीगढ़ तालों को कुंभ स्थल पर प्रदर्शित किए जाने के पीछे का मूल उद्देश्य कारागार विभाग द्वारा कुंभ स्नान करने आए करोड़ों लोगों के बीच जनमानस में एक सकारात्मक प्रकार का संदेश स्थापित करना है। जिसमें बंदियां के द्वारा अपनी बंदी काल के दौरान विभिन्न प्रकार के सुधारात्मक उद्देश्य को पूरा करने के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं, वह कहीं ना कहीं उनके अंदर सुधार के साथ ही समाज में पुनः सात्विकरण के लिए अपने आप को प्रतिबद्ध कर रहे हैं। साथ ही रिहाई के बाद ये कला रोजगार प्राप्ति में भी उनके लिए मददगार साबित होगी।



Shreya

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