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महंत नरेंद्र गिरि सुसाइड केस: 38 बार सुनवाई, 19 पेज की चार्जशीट, 152 गवाह...आनंद गिरि समेत 3 पर आरोप तय
Mahant Narendra Giri Suicide Case: डिस्ट्रिक्ट जज ने बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरी को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरी, बड़े हनुमान मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद और उनके बेटे संदीप तिवारी पर आरोप तय किए हैं।
Mahant Narendra Giri Suicide Case: बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के उकसाने के आरोपित आनंद गिरी समेत तीन पर आरोप तय हुए हैं। डिस्ट्रिक्ट जज ने बड़े हनुमान मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद और उनके बेटे संदीप तिवारी पर शुक्रवार (31 मार्च) को आरोप तय किया। ये आरोप 38 बार सुनवाई टलने के बाद तय हुआ है। ये आरोप सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय ने आरोपितों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थिति में तय किया। आपको बता दें, आरोप तय करने के लिए पहली सुनवाई 21 दिसंबर 2021 नियत की गई थी।
सुनवाई के दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से वकील अदालत में मौजूद थे। अभियोजन की ओर से गुलाब चंद अग्रहरि (Gulab Chand Agrahari) व आरोपित के अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद थे। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज संतोष राय ने आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और संदीप तिवारी पर आरोप तय किया। अदालत ने गवाहों के लिए समन जारी करने के आदेश दिए। मामले की सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तिथि निश्चित की गई। अदालत ने बाघंबरी मठ (Baghambari Math) के महंत बलवीर गिरी व सतुआ दास का समन जारी किया गया।
जानें क्या है मामला?
आपको बता दें कि, ये मामला 20 सितंबर 2021 का है। इसी तारीख को महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की लाश मठ के कमरे में मिली थी। सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप उनके शिष्य आनंद गिरी (Anand Giri) बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी (Adya Prasad Tiwari) और उनके बेटे संदीप तिवारी (Sandeep Tiwari) पर लगा था। तब से तीनों जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी तीनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
आरोप तय होने के दौरान तीनों आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे। अदालत ने आरोप पढक़र सुनाया कि, तीनों के द्वारा साजिशन आत्महत्या के लिए उकसाया गया था। हालांकि, तीनों आरोपियों ने इससे इंकार किया।