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Maharajganj News: बैराज गेट के निर्माण में फंसा नहरों का पानी, किसानों की बढ़ी परेशानी
Maharajganj News: आधा दिसंबर बीतने के बाद भी महराजगंज जिले के किसानों को अभी तक सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं मिल सका है।
Maharajganj News: खबर यूपी के जनपद महराजगंज से है जहां आधा दिसंबर बीतने के बाद भी महराजगंज जिले के किसानों को अभी तक सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं मिल सका है। नवंबर माह के अंत से ही आश्वासन के बाद सिंचाई विभाग ने 16 दिसंबर को अंतिम तिथि घोषित किया था, लेकिन नेपाल के बाल्मीकिनगर बैराज के गेट पर निर्माण के कार्य के चलते यह संभव नहीं हो सका। जिसके कारण किसान मंहगा डीजल फूंककर अपने गेहूं की सिंचाई कर रहे हैं। अब सिंचाई विभाग ने 20 दिसंबर तक किसानों को पानी उपलब्ध कराने का दावा किया है।
जिले में एक लाख 65 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है।
इसमें तिलहन और दलहन का भी 15 हजार से अधिक हेक्टेयर का रकबा शामिल है। किसानों की सिंचाई के लिए जिले में 123 नहरों का 1035 किमी लंबी नहरों का जाल बिछा हुआ है। यही कारण है, कि जिले में 60 प्रतिशत से अधिक खेती की सिंचाई नहरों के ही भरोसे होती है। बावजूद इसके नहरें सूखी पड़ी है।
नहर में समय से पानी नहीं आने के चलते किसानों की जेब ढीली हो रही है। इस दौरान गंडक नहर प्रणाली समेत विभिन्न नहरों के किनारे गांवों में रायपुर, घुघली, हरदी, खोन्हौली, पिपराकाजी,सिसवा, गौरा निपनियां, दुर्गवलिया, कटहरी, संडा, गेरमा, पिपरा बाजार, जमुई, हरखोड़ा, मिठौरा, बरोहिया, दमकी व बाली के किसान महंगा डीजल फूंक कर पंपिंग सेट सिंचाई करने को मजबूर हैं।
अधिशासी अभियंता विनोद कुमार वर्मा ने बताया कि नेपाल से पानी नहीं छूटने के कारण जिले की नहरों में पानी नहीं मिल सका है। पिछले दिनों हुई वार्ता में 16 दिसंबर तक पानी मिलने का आश्वासन मिला था, लेकिन बाल्मीकिनगर बैराज पर गेट निर्माण के कार्य में समय लगने के कारण अब 20 दिसंबर की तिथि तय की गई है।