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Sonbhadra News: शिवभक्ति में डूबा रहा गुप्तकाशी का चप्पा-चप्पा, सज-धजकर निकली अड़भंगी की बारात
Sonbhadra News: शाम को जिले में कई जगह, खासकर दुद्धी और रेणुकूट में भूतभावन भगवान महादेव की सज-धजकर अलबेली बारात निकाली। भोले की भक्ति में डूबी युवाओं की टोली नाचते-गाते देर रात तक मस्ती भरे अंदाज में झूमती रहीं।
Sonbhadra News: शिवरात्रि पर गुप्तकाशी यानी सोनभद्र का चप्पा-चप्पा शिवभक्ति में डूबा रहा। शिवद्वार स्थित उमा माहेश्वर धाम, ओमकारेश्वर घाटी स्थित महामंगलेश्वर धाम, सोन-रेणु-बिजुल संगम तट स्थित सोमनाथ महादेव, रेणुकूट स्थित रेणुकेश्वर महादेव, राबटर्सगंज स्थित वीरेश्वर महादेव, दुद्धी के लौवा पहाड़ी, हिरेश्वर महादेव मंदिर, बीड़र स्थित शिव मंदिर, घिवही स्थित शिवधाम, मल्देवा स्थित कैलाश कुंज आदि जगहों पर सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं शाम को जिले में कई जगह, खासकर दुद्धी और रेणुकूट में भूतभावन भगवान महादेव की सज-धजकर अलबेली बारात निकाली। भोले की भक्ति में डूबी युवाओं की टोली नाचते-गाते देर रात तक मस्ती भरे अंदाज में झूमती रही।
पार्वती और भोले भंडारी का जयमाल दृश्य ने बांधा शमा
दुद्दी में दोपहर बाद तीन बजे के करीब भोलेनाथ अनोखे शिव भक्तों के साथ दूल्हा बनकर नंदी गाड़ी पर सवार हुए और सीधे यहां के प्राचीन शिवाला मंदिर पहुंचे। वहां उपस्थित माताओं ने उनका भव्य श्रृंगार किया। इसके बाद देवों के देव महादेव अपनी अलबेजी और अड़भंगी बारात लेकर मां पार्वती के मायके कैलाश कुंज के लिए निकल पड़े। इस दौरान जहां भगवान ब्रह्मा, विष्णु सहित अन्य देवी देवताओं की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। वहीं भूत, पिशाच, ऋछ, वानर आदि की वेशभूषा धरे अलबेली बारात भी लोगों के लिए खासी कौतूहल का केंद्र बनी रही। इस दौरान आदिवासियों की टोली ने करमा-शैला नृत्य के जरिए भगवान भोलेनाथ की स्तुति की और उनकी अनोखी बारात का विस्तार से वर्णन किया। बारात में शामिल भक्तों को किसी तरह की दिक्कत न होने पाए, इसके लिए शिवाला मंदिर से कैलाश कुंज द्वार तक बारातियों के स्वागत के लिए जगह-जगह जलपान, ठंडई स्टाल लगे रहे। मां पार्वती के मायके कैलाश कुंज में कार्यक्रम अगुआ डॉ. लवकुश प्रजापति ने व्यवस्था की कमान संभाले रखी। जैसे ही बारात वहां पहुंची, वैसे ही हर हर महादेव के जयघोष से यहां का चप्पा-चप्पा गूंज उठा। इस दौरान मां पार्वती और भोले भंडारी के जयमाल का नयनाभिराम दृश्य लोगों को देर तक बांधे रहा।
हर-हर महादेव के घोष से गुंजा इलाका
कुछ इसी तरह हिरेश्वर महादेव मंदिर के लिए भी भूतभावन महादेव की बारात सज-धजकर निकली। जयमाल का भी अनुपम दृश्य लोगों को आह्लादित किए रहा। दुद्धी कस्बे के रामनगर स्थित शिव मंदिर से आकर्षक रथ पर सवार होकर भोलेनाथ, देवी देवता और उनके अलबेले बाराती सड़कों पर निकले तो हर तरफ हर-हर महादेव के घोष ने इलाके को गुंजायमान कर दिया। बारात बीड़र गांव के हिरेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। वहां प्रबंधक रविंद्र जायसवाल की अगुवाई में बारातियों की अगवानी की गई। यहां भी भगवान शिव और मां पार्वती के जयमाल की परंपरा निभाई गई। बारात में चंद्रिका प्रसाद आढ़ती, भोला बाबू, प्रेमचंद आढ़ती, रामेश्वर राय, राजेश्वर बाबू राजू, जेबीएस अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रहरि, पंकज कुमार बुल्लू, महामंत्री सुरेन्द्र गुप्ता, कमल कानू ,डॉ. विनय कुमार, अनूप कुमार डायमंड, पीयूष अग्रहरि समेत अन्य श्रद्धालु शामिल रहे। सुरक्षा के मद्देनजर दुद्धी कोतवाल श्रीकांत राय, क्राईम इंस्पेक्टर शेषनाथ पाल की अगुवाई वाली पुलिस टीमें चक्रमण बनाए रही।
चौक-चौबंद रहीं सुरक्षा व्यवस्था
उधर, रेणुकूट में मुर्धवा मोड़ से सज-धजकर भोेलेनाथ की बारात निकली। बारात रेणुकूट और पिपरी के रास्ते होते हुए, तुर्रा बाजार स्थित चैराहे पर पहुंची। यहां भगवान शिव और मां पार्वती का जयमाल के जरिए विवाह कराया गया। रास्ते भर जहां शिवभक्त भक्ति गीतों पर झूमते-नाचते रहे। वहीं तरह-तरह की झाकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। ऋषि झा, नितेश साहू, रेणुकूट चेयरमैन निशा सिंह, गोपाल, रामकुमार, कृष्णा उपाध्याय, अवधेश शुक्ला समेत हजारों श्रद्धालु बारात में शामिल रहे। वहीं सुरक्षा के लिहाज से सीओ प्रदीप सिंह चंदेल, पिपरी थानाध्यक्ष दिनेश प्रकाश पांडेय, चैकी इंचार्ज रेणुकूट, एसएसआई पिपरी महेंद्र यादव की अगुवाई में पुलिस टीमें बारात के साथ बनी रही।