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Mahoba: अक़ीदत से मनाया गया जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी, देश में अमन शांति का भी दिया सन्देश

Mahoba: महोबा में इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की यौमें पैदाइश अकीदत और सादगी के साथ मनाया गया। इस्लाम को मानने वालो ने इस्लामी परचम लेकर जुलूस निकाला।

Imran Khan
Report Imran Khan
Published on: 9 Oct 2022 7:43 PM IST
Mahoba News
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Mahoba Jashn e Eid Miladunnabi News (image social media)

Mahoba News: महोबा में इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की यौमें पैदाइश अकीदत और सादगी के साथ मनाया गया। इस्लाम को मानने वालो ने इस्लामी परचम लेकर जुलूस निकाला। नबी के बताए रास्ते पर अमल की तख्तियों और नारो के जरिये अपील की गई। जुलूस में बज रहे नातिया कलाम के साथ युवा झूमते नजर आए। जुलूस में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की मजबूत झलक भी देखने को मिली है।

विभिन्न मजहब के लोगों और राजनीतिक दलों ने जगह-जगह पर जुलूस में सम्मिलित लोगों का गर्मजोशी के साथ जलपान करा कर स्वागत भी किया। इस दौरान प्रशासन की शांति व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले है। इस्लाम धर्म के संस्थापक और पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की यौमे पैदाइश की खुशी में शहर में जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया है। दरगाह अब्बा हुजूर के आस्ताने से बाद नमाज जोहर जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया जिसमें सभी मुस्लिम भाई इस्लामी लिबास में नजर आए।

जुलूस में हाजी अरबी लिबास में थे तो वही छोटे-छोटे बच्चे भी रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर जुलूस में शामिल हुए। सभी के हाथों में इस्लामी परचम था और सभी इस्लामी नारों को बुलंद कर रहे थे। शहर काजी आफाक हुसैन के नेतृत्व में उठा जुलूस भटीपुरा, मकनियापुरा, सुभाष चौक ,काजीपुरा होते हुए उदल चौक, आल्हा चौक से गुजरा। शाम तक चले जुलूस ए मोहम्मदी में इस्लाम के पैगंबर की पैदाइश की खुशी मनाई गई। जगह-जगह इस्लामी तीर्थ स्थलों को दर्शाती झांकियां भी सजाई गई हैं।

शहर काजी आफाक हुसैन बताते हैं कि इस जुलूस ए मोहम्मदी में नबी की आमद का जिक्र हो रहा है और उनकी यौमें पैदाइश का जश्न मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी हमारे नबी की दी तालिब पर अमल करेगा वो दुनिया में शहंशाह बन जाएगा। इस्लाम के पैगंबर ने सारी उम्मत के लिए दुआएं की हैं तो दुश्मनों को भी कभी बद्दुआ नहीं दी। हम उस नबी के मानने वाले हैं जिसने कभी किसी के साथ गलत नहीं किया। जिंदा बच्चियों को दफन होने से नबी ने ही बचाया।

विधवा महिलाओं के पुनः विवाह का रिवाज शुरू कर उन्हें भी सम्मान दिया। नबी ने भी 25 साल की उम्र में पहला निकाह 40 वर्ष की बेवा हजरते ख़ातीजा से निकाह किया था। शहर काजी ने पूरी कौम और देश के लोगों को जश्ने ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी। जुलूस में 50 हजार मुसलमान इकट्ठा दिखाई दिए। देश मे अमन शांति का पैगाम देते हुए कहा कि इस्लाम का बच्चा-बच्चा मुल्क पर कुर्बान होने के लिए तैयार है।



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Prashant Dixit

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