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Mahoba News: जिला अस्पताल की अनियमितताओं पर एक्शन, तैनात डॉक्टरों पर नजर रखने के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती
Mahoba News: जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के साथ-साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती डॉक्टरों की कार्यशैली की निगरानी के लिए कर दी है।
Mahoba News: महोबा में जिला अस्पताल की अनियमितताओं पर जिला प्रशासन एक्शन में दिख रहा है। जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने के साथ-साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती डॉक्टरों की कार्यशैली की निगरानी के लिए कर दी है। अस्पताल में ओपीडी समय बतौर मजिस्ट्रेट नायाब तहसीलदार मौजूद रहे जो मरीजों को समुचित इलाज मिलने की मॉनिटरिंग कर रहे है।
अस्पताल में तैनात डॉक्टरों में मचा हड़कंप
डीएम के इस निर्देश के बाद से अस्पताल में तैनात डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें की जिला अस्पताल में शासन के निर्देशों के बावजूद भी तैनात डॉक्टरों द्वारा आने वाले मरीजों का आर्थिक शोषण कर बाहर की दवाएं लिखी जा रही है तो वहीं अस्पताल में दवा कंपनियों के एमआर भी अस्पताल में डॉक्टरों से मार्केटिंग करते देखें जाते है। कमीशन खोरी के इस खेल पर लगाम लगाने के लिए ख़बरों का बड़ा असर सामने आया है। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने जिला अस्पताल में जा रही अनियमितताओं और मरीजों को लिखी जा रही बाहर दवाओं पर रोकने के लिए जिला अस्पताल में ओपीडी वक्त पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की है।
नायब तहसीलदार राजकुमार को बतौर मजिस्ट्रेट किया गया तैनात
नायब तहसीलदार राजकुमार को बतौर मजिस्ट्रेट यहां तैनात किया गया जो अस्पताल में होने वाली तमाम गतिविधियों पर नजर रखेंगे और मरीजों को बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजेंगे। जिसको लेकर आज एडीएम रामप्रकाश जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे।
नायब तहसीलदार ने सीएमएस सहित सभी डॉक्टरों और स्टाफ को दी सख्त हिदायत
उन्होंने इस दौरान सीएमएस सहित सभी डॉक्टरों और स्टाफ को सख्त हिदायत देते हुए बाहर की दवाओं को लिखे जाने पर रोक लगाने की हिदायत दी तो वहीं बाहर की दवा लिखने पर कड़ी कार्यवाही के भी संकेत दिए हैं। एडीएम रामप्रकाश बताते हैं कि मीडिया में खबर चलने के बाद शासन के निर्देश पर डीएम ने यह कदम उठाते हुए जिला अस्पताल में मजिस्ट्रेट की तैनाती की है ताकि अस्पताल में कमीशन खोरी के खेल को रोका जा सके और शासन के अनुरूप आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। जिसके लिए अस्पताल में नायाब तहसीलदार को बतौर मजिस्ट्रेट तैनात किया गया।
एडीएम ने ये बताया
वहीं, एडीएम ने बताया कि ओपीडी वक्त में मजिस्ट्रेट की तैनाती के साथ-साथ इमरजेंसी वार्ड में औचक निरीक्षण भी होते रहेंगे ताकि जिला अस्पताल में बाहर की लिखी जा रही दवाओं की मिल रही शिकायतों पर पूर्णतया रोक लगाई जा सके। यही नहीं अस्पताल में मजिस्ट्रेट के तौर पर रोज अलग-अलग विभाग के अधिकारी तैनात किए जाएंगे ताकि अस्पताल में चल रही अनियमितताएं, बरती जा रही लापरवाही और मरीजों के साथ हो रहे खिलवाड़ को पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकें।