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Mahoba: मदर्स डे पर कलयुगी बेटों की हैवानियत, माँ को मारपीट कर किया बेघर, पति संग पहुंची वृद्धाश्रम
Mahoba News Today: महोबा में कलयुगी पुत्रों ने अपनी मां को घर से बेघर कर दिया और वह मजबूरन वृद्धा आश्रम में रहने के लिए पहुंची है।
Mahoba News Today: होठों पर उसके कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक मां है जो कभी खफा नहीं होती। शायर ने इन पंक्तियों में मां के किरदार को बखूबी बयां कर दिया और आज मदर्स डे पर जहां हर कोई मां की ममता और उसके प्यार को इजहार कर रहा है तो वहीं उत्तरप्रदेश के महोबा में कलयुगी पुत्रों ने अपनी मां को घर से बेघर कर दिया और वह मजबूरन वृद्धा आश्रम में रहने के लिए पहुंची है। बुजुर्ग महिला अपने ही पुत्रों की प्रताड़ना से इस कदर हताश हुई कि मदर्स डे के दिन ही अपने पति के साथ वृद्धाश्रम में आकर रहने लगी। उसकी आँखों का दर्द और बेबसी बता रही है कि उसके ही बच्चों ने उसे अनाथों की तरह घर से निकाल दिया और अब वृद्धाश्रम ही उनका सहारा है।
पुत्र कुपुत्र भले हो, माता न होत कुमाता....फिर भी वृद्ध अवस्था में इन माताओं को उनके ही पुत्र घर से बेघर कर देते है। पूरा जीवन अपने पुत्रों की देखभाल कर उन्हें समाज में अहम स्थान दिलाने वाली मां वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर है। आज पूरा देश मदर्स डे मना रहा है और मां की ममता को लेकर सोशल मीडिया में भी मां के किरदार को लेकर लोग बढ़ाई करते देखें जा सकते है। मगर महोबा में आज ही के दिन एक मां को अपने घर से बेघर होना पड़ा। कलयुगी पुत्रों की करतूत इस कदर की अपनी ही मां को आए दिन मारा पीटा करते और पिता के साथ भी मारपीट की जाती, ऐसे में तंग आकर दोनों बुजुर्ग तक आश्रम आ गए।
माता-पिता को पुत्रों ने दिया बेघर करके मदर्स डे पर तोहफा
मदर्स डे के दिन इन बुजुर्गों के पुत्रों ने उन्हें ऐसा तोहफा दिया कि उन्हें घर से ही बेघर होना पड़ा। जनपद के महोबकंठ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रिवई दुलारा की रहने वाली 69 वर्ष की देवकी अपने पति टूटियां के साथ वृद्ध आश्रम में रहने पहुंची है। महोबा शहर के मलिकपुरा इलाके में संचालित आधारशिला वृद्ध आश्रम में मौजूद महिला देवकी बताती है कि उसके दो पुत्र हैं। बड़े पुत्र का नाम हरनारायण तो वहीं छोटे पुत्र का नाम अंगत है। मगर दोनों ही पुत्र अक्सर उसके साथ मारपीट करते हैं, तो वही पिता के साथ भी मारपीट की जाती है। जिस से तंग होकर वह गांव में ही अलग रहकर अपना वृद्ध जीवन बसर कर रहे थे।
मगर फिर भी कलयुगी पुत्रों द्वारा उन्हें आए दिन प्रताड़ित किया जाता रहा। कभी मारपीट करना, तो कभी शराब के लिए पैसे मांगना और ना देने पर अपमानित करना। दोनों ही वृद्ध बताते हैं कि उनके ही अपने पुत्र उनके लिए मुसीबत का कारण बने हैं। उन्हें उम्मीद थी कि उम्र के इस आखिरी पड़ाव में उनके पुत्रों द्वारा उनकी सेवा की जाएगी मगर सेवा तो दूर उन्हें आए दिन प्रताड़ित किया जा रहा था।
बेटे और बहुएं करती थी जुल्म
वृद्ध बताते हैं कि बड़ा पुत्र काम करने के लिए महानगर चला गया तो घर में रह रहा छोटा पुत्र शराब पीकर आए दिन विवाद करने लगा और बहुएं भी वृद्ध माता पिता पर जुल्म ढाने लगी। हद तो तब हो गई जब आज मदर्स डे के दिन ही कलयुगी पुत्र ने धक्के मारकर अपने मां-बाप को घर से बाहर कर दिया। इसी तरीके से या दोनों बुजुर्ग महोबा शहर में संचालित वृद्ध आश्रम पहुंचे और अपना दुखड़ा बताते हुए जगह देने की गुहार लगाई जिसके बाद उन्हें वृद्ध आश्रम में रख लिया गया। दोनों बुजुर्ग बताते हैं कि उन्हें उनके पुत्रों द्वारा ही सताया गया है और अब श्रद्धा आश्रम में उन्हें आसरा मिला है और यही वृद्धाश्रम उनका घर है जहां वह अपनी बाकी जिंदगी गुजर करने आए हैं।
आपको बताते हैं कि महोबा के वृद्धाश्रम की केयर टेकर नीरज बताती है कि आश्रम में 18 ऐसी मां है जो अपनों की प्रताड़ना से परेशान होकर यहां रह रही हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर सभी वृद्धजनों के लिए खाने पीने की व्यवस्था सहित उनके स्वास्थ्य देखभाल को लेकर भी व्यवस्थाएं हैं। 10 जनों की जरूरत के लिए आश्रम में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं।
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